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बन रहा है रेलवे के विकास व आधुनिकीकरण का मेगा प्लान, देशवासियों को मिलेंगे ये फायदे

गोयल ने कहा ट्रेन-18 के अलावा 2000 मेल-एक्सप्रेस गाडि़यों में भी सुधार लाया जाएगा। इसके लिए उत्कृष्ट कोच योजना शुरू की गई है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 09:50 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 09:55 PM (IST)
बन रहा है रेलवे के विकास व आधुनिकीकरण का मेगा प्लान, देशवासियों को मिलेंगे ये फायदे
बन रहा है रेलवे के विकास व आधुनिकीकरण का मेगा प्लान, देशवासियों को मिलेंगे ये फायदे

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय रेलवे के विकास और आधुनिकीकरण की एक भविष्योन्मुखी योजना तैयार कर रहा है। इसमें ट्रेन-18 जैसी और ट्रेनों के विकास के साथ-साथ रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के व्यापक विस्तार और आधुनिकीकरण की रूपरेखा तय की जाएगी।

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नई दिल्ली स्टेशन पर ट्रेन-18 के निरीक्षण के दौरान पत्रकारों के साथ चर्चा में गोयल ने कहा कि इस ट्रेन को हवाई यात्रा के विकल्प के तौर पर तैयार किया गया है। इससे एक शहर के बीच से दूसरे शहर के बीच पहुंचने में आसानी होगी। विदेश में छोटी दूरियों के लिए विमान के बजाय ट्रेन का उपयोग ज्यादा लोकप्रिय है।

ये ट्रेन कब चलेगी, इस विषय में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि संरक्षा आयुक्त ने कुछ सुझाव दिए हैं, जिन पर काम चल रहा है। यह देश में विकसित पहली विश्वस्तरीय ट्रेन है। इस पर सारी दुनिया की निगाहें हैं। इसलिए पूरी तैयारियों के बाद इसे शीघ्र ही चलाया जाएगा। यह ट्रेन शताब्दी और राजधानी ट्रेनों के मुकाबले 45 फीसद ज्यादा तेज है। यह मात्र आठ घंटे में वाराणसी से दिल्ली की दूरी तय करने में सक्षम है। अन्य ट्रेनों को यह सफर पूरा करने में साढ़े 11 घंटे का समय लगता है। इस प्रकार की यूरोपीय ट्रेनों में हर कोच में पेंटोग्राफ होता है, वहीं ट्रेन-18 में सिर्फ दो पेंटोग्राफ लगाए गए हैं। इससे बिजली की बचत होती है।

गोयल ने कहा ट्रेन-18 के अलावा 2000 मेल-एक्सप्रेस गाडि़यों में भी सुधार लाया जाएगा। इसके लिए 'उत्कृष्ट' कोच योजना शुरू की गई है। कई अन्य मोर्चो पर भी नई उपलब्धियां हासिल की गई हैं। जो कार्य पैंसठ वर्षो से लंबित थे, उन्हें साढ़े चार वर्ष में पूरा किया गया है। जैसे कि ट्रेनों में डेढ़ लाख बायो टायलेट लगाना। सौ फीसद बायो टायलेट का लक्ष्य अब दूर नहीं। यही नहीं, हमने वैक्यूम टायलेट पर भी काम शुरू कर दिया है।

ट्रेनों की लेटलतीफी पर काफी लगाम लगी है। इसमें रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अश्वनी लोहानी का बड़ा योगदान है जिन्होंने डेटा लॉगर की व्यवस्था कर स्टेशन मास्टरों द्वारा मैन्युअल टाइम फीडिंग बंद करा दी। इससे अब 60 फीसद के बजाय 70 फीसद ट्रेने समय पर चलने लगी हैं।

रेलवे के बढ़ते आपरेटिंग रेशियो के लिए गोयल ने सातवें वेतन आयोग के अलावा यात्री सुविधाओं पर अधिक खर्च को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आयोग की सिफारिशें लागू करने से रेलवे पर 23 हजार करोड़ का बोझ पड़ा है। साथ ही खर्च की चिंता किए बगैर यात्रियों की सहूलियतें बढ़ाई गई हैं। रेलमंत्री के अनुसार आजादी के बाद रेलवे की मांग में 1600 प्रतिशत इजाफा हुआ। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर केवल 30 प्रतिशत बढ़ा। इस कमी को अब पूरा किया जा रहा है। हमने 6000 स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाने तथा शहरों में 3000 किलोमीटर ट्रैक के दोनो ओर बाउंड्री वॉल बनाने का निर्णय लिया है।

कुंभ के दौरान 18 ट्रेनें 
कुंभ के दौरान रेलवे ट्रेन-18 समेत 18 ट्रेन सेवाओं का संचालन करेगा। इस बात के संकेत रेलवे बोर्ड के अधिकारियो ने दिए। इनमें वे चार विशेष गाडि़यां शामिल हैं जिनका संचालन 24 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस पर इलाहाबाद से दिल्ली के बीच किया जाएगा।


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