आतंकी हाफिज सईद पर कार्रवाई को भारत ने बताया दिखावा, कहा- पाक का दोगलापन उजागर
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए कहा कि आतंकी हाफिज सईद पर कार्रवाई सिर्फ दिखावा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र/एएनआइ। पाकिस्तान द्वारा मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद और उसके साथियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किए जाने को भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिखावा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करार दिया है। गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी कहा कि पाकिस्तान गंभीर नहीं है, वह सिर्फ दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, हमें आतंकी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान के दिखावे वाले कदमों के झांसे में नहीं आना चाहिए। पाकिस्तान आतंकी समूहों और आतंकियों पर कार्रवाई को लेकर कितना गंभीर है, इसका फैसला सत्यापन योग्य, विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय कार्रवाई को प्रदर्शित करने की उसकी क्षमता के आधार पर किया जाएगा। पाकिस्तान को आतंकी समूहों पर ऐसी कार्रवाई करनी होगी जिसे बार-बार बदला न जाए।
आधे-अधूरे कदम उठाकर पाकिस्तान सिर्फ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकता रहा है। हम पाकिस्तान के साथ आतंकमुक्त माहौल में सामान्य संबंध चाहते हैं। जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या भारत ने एफएटीएफ को दाऊद को लेकर भी कोई रिपोर्ट दी है? इस पर उन्होंने कहा, 'दाऊद इब्राहिम की लोकेशन अब कोई रहस्य नहीं है। हम पाकिस्तान को कई बार ऐसे लोगों की लिस्ट सौंप चुके हैं जो पाकिस्तान में हैं। हम कई बार उनसे ऐसे लोगों को भारत को सौंपने की मांग कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दावा करता है, लेकिन जब हम ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने को कहते हैं जो साफ तौर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं तो वह मुकर जाता है। वहीं, दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने ऐसा दिखाने की कोशिश करता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। ये दोहरे मापदंड हैं। जब भी वे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हैं तो खुद-ब-खुद दुनिया के सामने उजागर हो जाते हैं।'
गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने कहा, 'पाकिस्तान जो करता है वह नकली है। वे सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए करते हैं, लेकिन वे गंभीर नहीं हैं। वे सिर्फ लोगों को यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि वे आतंकवाद के खिलाफ हैं। हम जानते हैं कि आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान क्या करता है। पाकिस्तानी सेना आतंकियों को प्रशिक्षण देती है। वहां बहुत सारे (आतंकी) शिविर चल रहे हैं।
पाकिस्तान में कोई लोकतांत्रिक सरकार नहीं है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी सेना की कठपुतली हैं। वह (इमरान खान) वही करते हैं जो सेना उनसे करने के लिए कहती है। उन्होंने आतंकियों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तान भारत में अस्थिरता पैदा करना चाहता है। हम आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के साथ काम करेंगे।'
सिखों के पवित्र स्थल करतारपुर कॉरिडोर पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमने कुछ तारीखों का प्रस्ताव दिया है। पाकिस्तान ने 14 जुलाई की बैठक के लिए हामी भरी है। कुछ मुद्दों पर हमारे विचार अलग हैं, जिनके बारे में चर्चा की जाएगी। यह समझना जरूरी है कि यह भावनाओं का मामला है, यह सिख समुदाय की इच्छाओं की पूर्ति का मामला है।
पिछले दिनों आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान में बुधवार को जमात उददावा के प्रमुख हाफिज सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ आतंकी फंडिंग के 23 मामले दर्ज किए गए।
पाकिस्तान के आतंकरोधी विभाग ने एक बयान जारी कर बताया कि आतंकी फंडिंग के लिए पांच ट्रस्टों का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। बयान के मुताबिक, लश्कर ए तैयबा से जुड़े जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन को भी निशाना बनाया गया है।
दरअसल, पाकिस्तान सरकार के इस कदम को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दबाव का नतीजा माना जा रहा है जिसने पिछले साल पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के मामलों में अपर्याप्त कदम उठाने के लिए 'ग्रे लिस्ट' में रखा था। पिछले ही महीने उसने आतंकी फंडिंग के खिलाफ प्रयासों को तेज करने के लिए पाकिस्तान को अक्टूबर तक का समय दिया था।
कौन है हाफिज सईद
हाफिज सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है। पाकिस्तान में जमात उद दावा नामक संगठन चलाता है। 2008 में मुंबई हमले का सूत्रधार रहा जिसमें 164 लोग मारे गए। इसी हमले के बाद अमेरिका ने इसके सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।
2006 में मुंबई ट्रेन धमाकों में भी इसका हाथ रहा। 2001 में भारतीय संसद तक को इसने निशाना बनाया। एनआइए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने इसके दोनों संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा है।