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इटली में जी-20 की बैठक और ब्रिटेन में कोप-26 सम्‍मेलन में शामिल होंगे पीएम मोदी, जानें इस दौरे का एजेंडा

विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें G-20 शिखर सम्मेलन और COP-26 में हिस्सा लेने के लिए 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक रोम (इटली) (ग्लासगो) ब्रिटेन की यात्रा करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 03:32 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 12:38 AM (IST)
इटली में जी-20 की बैठक और ब्रिटेन में कोप-26 सम्‍मेलन में शामिल होंगे पीएम मोदी, जानें इस दौरे का एजेंडा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक रोम (इटली), (ग्लासगो) ब्रिटेन की यात्रा करेंगे।

नई दिल्ली, जेएनएन। इस हफ्ते के आखिर और अगले हफ्ते के शुरू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब दो वैश्विक मंचों पर होंगे तो उम्मीद है कि वह अफगानिस्तान के ताजा हालात से निपटने और जलवायु परिवर्तन एवं कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एकजुट वैश्विक दृष्टिकोण पर जोर देंगे। ये सारे ही मुद्दे भारत के आर्थिक और रणनीतिक हितों के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री मोदी 29 अक्टूबर से दो नवंबर तक इटली और ब्रिटेन की यात्रा पर होंगे।

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कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी

इटली में पीएम मोदी जी-20 की बैठक में हिस्सा लेंगे वहीं ब्रिटेन में वह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आयोजित 26वें सम्मेलन (कोप-26) की बैठक में भाग लेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी की इटली के पीएम मारियो द्राघी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन समेत कुछ दूसरे महत्वपूर्ण नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी।

जी-20 की शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ-इन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें हो सकती हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इटली के पीएम के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 30-31 अक्टूबर को रोम में होने वाली जी-20 की शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें जी-20 के सदस्य देशों के अलावा यूरोपीय संघ, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और दूसरे आमंत्रित देशों के प्रमुख भी हिस्सा लेंगे।

चीन के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात नहीं

चीन और रूस जैसे कुछ बड़े देशों के राष्ट्र प्रमुखों के सम्मलेन में वर्चुअल तौर पर ही हिस्सा लेने की संभावना है। जाहिर है कि इससे पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच किसी मुलाकात की संभावना खत्म हो गई है। आम तौर पर दोनों नेता जी-20 शिखर सम्मेलन में निश्चित तौर पर द्विपक्षीय मुलाकात करते रहे हैं।

महत्‍वपूर्ण है यह बैठक 

बताते चलें कि इस समूह की बैठक में पीएम मोदी आठवीं बार हिस्सा लेंगे। इस बार इस बैठक के लिए भारत के लिए इसलिए भी महत्व है कि इस संगठन की वर्ष 2023 की बैठक भारत में होनी है। भारत सरकार अभी से आगामी बैठक को सफल बनाने की तैयारी में जुटी है।

सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की देंगे जानकारी  

रोम में होने वाली जी-20 की बैठक में पीएम मोदी कोरोना बाद के माहौल में भारत जैसे विकासशील देश के समक्ष उपजी चुनौतियों और सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की विस्तृत ब्योरा देंगे। पीएम की तरफ से आतंकवाद और इससे वैश्विक इकोनोमी पर पड़ने वाले असर के बारे में भी बात की जाएगी।

काप-26 में हिस्सा लेंगे

रोम के बाद पीएम ब्रिटेन के शहर ग्लासगो पहुंचेंगे जहां वह काप-26 में हिस्सा लेंगे। एक और दो नवंबर को होने वाले इस विशेष आयोजन को पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अभी तक का सबसे महत्वपूर्ण बैठक करार दिया जा रहा है। इसके पहले वर्ष 2015 में काप-21 की बैठक में पीएम मोदी ने हिस्सा लिया था और तब भारत ने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किया था। उस बैठक में ही भारत में इंटरनेशनल सोलर एलायंस बनाने का फैसला हुआ था।

अड़चनों का मुद्दा भी उठाएंगे

इस साल की बैठक में इस संगठन ने अभी तक क्या प्रगति की है, इसका लेखा जोखा पीएम मोदी पेश कर सकते हैं। जानकारों का कहना है की पीएम मोदी की तरफ से पर्यावरण के क्षरण को रोकने के लिए विकसित देशों की तरफ से आर्थिक भागीदारी निभाने में आने वाली अड़चनों का मुद्दा खास तौर पर उठाएंगे।


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