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पाक पर FATF आज सुना सकता है फैसला, भारत ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ इमरान की कोशिश अधूरी

एफएटीएफ की बैठक के बीच भारत ने पाकिस्‍तान पर करारा हमला बोला है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने कहा है कि पाकिस्‍तान (Pakistan) अभी भी आतंकियों और आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 06:25 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 02:42 AM (IST)
पाक पर FATF आज सुना सकता है फैसला, भारत ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ इमरान की कोशिश अधूरी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा है कि पाक आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है...

नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले दो वर्षों से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में शामिल पाकिस्तान को इस बार भी कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। आतंकी फंडिंग और गैरकानूनी तरीके से पैसा एक देश से दूसरे देश में भेजने पर रोक लगाने के लिए गठित एफएटीएफ की शीर्षस्तरीय बैठक बुधवार से जारी है। पाकिस्तान को लेकर यह शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। फैसले से ठीक पहले भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को टास्क फोर्स की तरफ से जो काम सौंपा गया था, उसका पालन अभी तक नहीं किया गया है।

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माना जा रहा है कि एफएटीएफ इस बार भी पाकिस्तान को निगरानी सूची में ही रहने का आदेश देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 कार्ययोजना भेजी थी, जिनमें से सिर्फ 21 का ही पालन हो सका है। छह महत्वपूर्ण कार्ययोजना पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह सबको मालूम है कि पाकिस्तान अब भी आतंकियों व आतंकी संगठनों को प्रश्रय प्रदान कर रहा है और उसने कई आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। 

संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकियों जैसे मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम और जकी-उर-रहमान लखवी के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान इस बार भी कुछ देशों की मदद से प्रतिबंधित सूची में जाने से बच जाएगा। पाकिस्तान को दो वर्ष पहले निगरानी सूची में डाला गया था। फरवरी 2020 की बैठक में पाकिस्तान ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उससे अधिकतर देश संतुष्ट नहीं थे। लेकिन, पाकिस्तान को मलेशिया, तुर्की और चीन की मदद मिली और वह प्रतिबंधित सूची में डाले जाने से बच गया। इस बार भी उसे इन तीन देशों की मदद मिलने की संभावना है। 

फरवरी 2020 में पाकिस्तान को 27 कदम उठाने की कार्ययोजना सौंपी गई थी। इसके तहत पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में कुछ विधेयकों को पारित करवाया है, जिसमें गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की गतिविधियों पर लगाम लगाना शामिल है। माना जाता है कि आतंकी संगठन एनजीओ की आड़ में विदेश से पैसा हासिल कर रहे थे। अक्टूबर 2020 की बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार ने 80 ऐसे आतंकी सगंठनों व प्रतिबंधित आतंकियों का नाम प्रकाशित किया था, जो उसकी जमीन से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।

सनद रहे कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कुछ हफ्ते पहले एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि भारत पिछले दो वर्षो से पाकिस्तान पर एफएटीएफ का प्रतिबंध लगाने की कोशिश में है। अगर यह प्रतिबंध लग जाता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो सकती है। पाकिस्तान की स्थिति ईरान जैसी हो सकती है, जिससे कोई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान कारोबार नहीं करना चाहेगा। पाकिस्तानी रुपये में बेतहाशा गिरावट हो सकती है। रुपये की गिरावट से बिजली, गैस, तेल सब कुछ महंगा हो सकता है।

अनुराग श्रीवास्‍तव ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच होने वाली टू-प्लस-टू मंत्रिस्‍तरीय बातचीत में द्वीपक्षीय मसलों और साझा हितों पर चर्चा होगी। 27 अक्‍टूबर को होने वाली इस वार्ता में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भारत आ रहे हैं। भारत इस वार्ता की मेजबानी कर रहा है। इसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शिरकत करेंगे। 


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