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संघ प्रमुख मोहन भागवत से मौलाना अरशद मदनी की हुई मुलाकात, जानें क्या हुई बात

आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि संघ शुरू से मानता रहा है कि उसके हिंदुत्व का मतलब हिंदू मुस्लिम सभी धर्मो से है। वह शांति और आपसी भाईचारे का हिमायती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 10:26 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 12:32 AM (IST)
संघ प्रमुख मोहन भागवत से मौलाना अरशद मदनी की हुई मुलाकात, जानें क्या हुई बात
संघ प्रमुख मोहन भागवत से मौलाना अरशद मदनी की हुई मुलाकात, जानें क्या हुई बात

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बेहद महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की है। यह मुलाकात शुक्रवार को नई दिल्ली के झंडेवालान स्थित संघ कार्यालय केशव कुंज में हुई।

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डेढ़ घंटे चली बैठक के बारे में संघ अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन जमीयत की ओर से बताया गया कि मुलाकात में देश के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए साथ आकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया गया।

इस तरह की बैठक की पटकथा दो सालों से लिखी जा रही थी। आपसी भाईचारा को बढ़ावा देने में जुटा राष्ट्रीय जनमंच इसके लिए प्रयासरत था। अब आगे संघ और जमीयत में नियमित संवाद के लिए समन्वय की जिम्मेदारी अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रामलाल को दी गई है, जो बैठक में भी मौजूद थे।

भागवत से मिले मौलाना अरशद मदनी

बताया जा रहा है कि मुलाकात के दौरान मदनी ने कहा कि देश में भय का माहौल गर्माता जा रहा है। भीड़ हिंसा और तीन तलाक को लेकर अल्पसंख्यक वर्ग में चिंता का माहौल है। एक बड़े समुदाय में भय पैदा कर देश का विकास नहीं हो सकता है। इसे दूर करने की जरूरत है।

मोहन भागवत ने कहा कि संघ शुरू से मानता रहा है कि उसके हिंदुत्व का मतलब हिंदू, मुस्लिम सभी धर्मो से है। वह शांति और आपसी भाईचारे का हिमायती है, जिस पर मदनी ने बंद कमरों से बाहर निकलकर दोनों को मिलकर काम करने का आग्रह किया है।

करीब दो साल पहले भी भागवत ने दिल्ली में वरिष्ठ मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी। पिछले वर्ष विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय 'भविष्य का भारत' व्याख्यानमाला में भागवत ने लोगों से खासकर मुस्लिम समुदाय से संघ को समझने के लिए करीब आने का आग्रह किया था।

इस शीर्ष मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। यह इसलिए भी कि नवंबर माह में सुप्रीम कोर्ट से राममंदिर निर्माण पर फैसला आने का अनुमान है। वहीं, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35 ए हटाने को लेकर देश के बाहर-भीतर सियासत गर्माई हुई है।

चार दिवसीय प्रवास पर कोलकाता पहुंचे भागवत

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को चार दिवसीय प्रवास पर कोलकाता पहुंचे। बताया जा रहा है कि भागवत का कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है। वह सिर्फ सांगठनिक बैठकों में हिस्सा लेंगे। भागवत का एक महीने के अंदर कोलकाता का यह दूसरा दौरा है।

संघ के सूत्रों का कहना है कि वह तीन दिनों तक उत्तर और दक्षिण बंगाल के प्रचारकों के साथ संघ प्रमुख बैठक करेंगे। संघ के पुराने कार्यकर्ताओं के साथ वह अलग से भी बैठक करेंगे।

सात से 9 सितंबर तक राजस्थान के पुष्कर में आयोजित आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यशाला में भागवत शामिल होंगे। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, महासचिव राम माधव भी शामिल होंगे।


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