जीसी मुर्मू श्रीनगर तो आरके माथुर लद्दाख में लेंगे उपराज्यपाल की शपथ, शपथ ग्रहण आज
कश्मीर केंद्रित पार्टियां जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने व लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के पक्ष में नहीं है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को औपचारिक तौर पर केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे। लद्दाख के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) बनने जा रहे पूर्व रक्षा सचिव राधा कृष्ण माथुर चीफ जस्टिस जम्मू-कश्मीर गीता मित्तल के साथ लेह पहुंच गए हैं।
एयरपोर्ट पर माथुर का भव्य स्वागत
एयरपोर्ट से बाहर आते ही माथुर का सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने भव्य स्वागत किया। माथुर गुरुवार 31 अक्टूबर को सुबह 7.45 बजे लद्दाख के पहले एलजी के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे। वहीं कारगिल में वर्ग विशेष ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के विरोध में बुधवार से तीन दिन के बंद का एलान किया है। बुधवार को वहां सभी दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
शपथ ग्रहण समारोह होगा लेह के सिंधु संस्कृत केंद्र में
लद्दाख प्रशासन ने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए लेह का सिंधु संस्कृत केंद्र भव्य रूप से सजाया गया है। समारोह सुबह 7.30 बजे शुरू होगा। समारोह की तैयारियों की देखरेख कर रहे कमिश्नर सचिव लद्दाख रिगजिन सम्पेल ने बताया कि राधा कृष्ण माथुर और जम्मू-कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल लेह पहुंच गई हैं। कल के समारोह में लद्दाख प्रशासनिक अधिकारियों को उपस्थित रहने के पहले से ही निर्देश दे दिए गए हैं।
मुर्मू होंगे जम्मू-कश्मीर के पहले एलजी, श्रीनगर राजभवन में होगा शपथ ग्रहण
इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले एलजी बनने जा रहे गिरीश चंद्र मुर्मू भी 31 अक्टूबर को ही सुबह 11.45 बजे श्रीनगर राजभवन में शपथ लेंगे। दोनों एलजी को शपथ चीफ जस्टिस जम्मू-कश्मीर गीता मित्तल दिलाएंगी।
विरोध में कारगिल के मुख्य बाजार पूरी तरह बंद रहे
लद्दाख के एलजी बनने जा रहे पूर्व रक्षा सचिव राधा कृष्ण माथुर के पहुंचने पर कारगिल के मुख्य बाजार पूरी तरह बंद रहे। यहां स्थित सरकारी, निजी बैंकों के अलावा सभी दुकानें व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर ताले जड़े हुए थे। सड़कों पर लोगों का आना-जाना लगा था परंतु कोई भी व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुला नहीं था। दरअसल यहां मौजूद कश्मीर केंद्रित पार्टियां जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने व लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के पक्ष में नहीं है।