इस बार गणतंत्र दिवस रचेगा इतिहास, सबसे पहले आसियान के इस नेता का होगा स्वागत
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार 10 आसियान देशों के प्रमुखों को स्वागत होगा। प्रोटोकॉल के अनुसार सबसे पहले मंच पर पहुंचने वाले ब्रुनेई के प्रधानमंत्री होंगे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर आसियान देशों के 10 प्रमुखों की मौजूदगी नया रिकॉर्ड बनाने जा रही है। ऐसा पहली बार होगा कि गणतंत्र दिवस पर एक साथ इतने सारे नेता मुख्य अतिथि के तौर पर परेड समारोह में शामिल होंगे। अगले हफ्ते होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए 100 से अधिक सरकारी एजेंसियों को सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किया जाएगा।
सुरक्षा प्रतिष्ठान के लिए एक बड़ी चुनौती न केवल विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की रक्षा करना होगी बल्कि यह भी उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि वे राजपथ (परेड स्थल) पर समय पर पहुंचें। जहां प्रधानमंत्री अपने विदेशी गणमान्यों का स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहे होंगे।
10 आसियान देशों के प्रमुखों का होगा स्वागत
गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत आसियान के सदस्य- थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई के प्रमुखों का स्वागत करेगा।
विदेशी गणमान्यों की सुरक्षा और रुकने का विशेष प्रबंध
विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए पूरे मंच को बुलेटप्रूफ ग्लास से कवर किया जाएगा, जिसकी चौड़ाई करीब 100 फीट होगी। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना ज्यादा चौड़ा होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'मेहमानों की रूकने की व्यवस्था ताज पैलेज, ताज मानसिंह, मौर्या शेरेटन, लीला पैलेस और ओबेरॉय होटल में की गई है। इसलिए हमें हर एक नेता के समय को सुनिश्चित करना होगा। प्रत्येक नेता का काफिला लगभग 9 लग्जरी गाड़ियों का होगा। मेहमानों के स्वागत के लिए गाड़ियों का अभ्यास हर सुबह होता है और ड्राइवरों को भी सब कुछ समझा दिया गया है।'
सबसे पहले मंच पर पहुंचेंगे ब्रुनेई के प्रधानमंत्री
गणतंत्र दिवस पर विदेशी मेहमान सबसे पहले राष्ट्रपति भवन जाएंगे, जहां से राज्य के प्रमुखों और उनके पत्नियों को ले जाने वाली कारें 9.35 बजे रायसीना हिल से निकलेंगी। अपनी रवागनी के एक मिनट के अंतर वे मंच पर पहुंच जाएंगे। प्रोटोकॉल के अनुसार सबसे पहले मंच पर पहुंचने वाले ब्रुनेई के प्रधानमंत्री होंगे और आखिर में थाईलैंड के प्रमुख पहुंचेंगे। दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बीके सिंह ने कहा, 'गणतंत्र दिवस परडे पर खतरा बना हुआ है, इसलिए हमने सभी सावधानी बरती हैं। परेड मार्ग से लेकर छतों की तलाशी के बाद कमांडो तैनात कर दिए गए हैं।
18-26 जनवरी के बीच हवाई अड्डे पर लैंडिंग की अनुमति नहीं
सुरक्षारोधी जांच में बढ़ोतरी की गई है, खासकर जब सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने चीन द्वारा बनाई गई विस्फोटक डिवाइस का संभावित उपयोग करने के लिए सतर्क किया है। वहीं, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में 18 से 26 जनवरी के बीच 10.15 बजे से 12.35 बजे के बीच कोई ले-ऑफ या लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी।
24 जनवरी को भारत-आसियान स्मारक शिखर सम्मेलन के लिए विदेशी नेताओं की राष्ट्रीय राजधानी में आने शुरू हो जाएंगे। यह आयोजन दक्षिणपूर्व एशियाई गुट के साथ भारत के 25 वर्षों के संबंधों को चिह्नित करेगा।
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