Move to Jagran APP

मौका मांग रहे यूपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में कई सांसद साथ आए

यूपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा लेने का एक और मौका मांग रहे अभ्यर्थियों के पक्ष में कई सांसदों ने आवाज उठाई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 10:04 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 01:01 AM (IST)
मौका मांग रहे यूपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में कई सांसद साथ आए
मौका मांग रहे यूपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में कई सांसद साथ आए

नई दिल्ली, प्रेट्र। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा लेने का एक और मौका मांग रहे अभ्यर्थियों के पक्ष में कई सांसदों ने आवाज उठाई है। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि नियमों में हुए बदलाव के कारण 2011 से 2015 के दौरान उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा था। एक और मौके की मांग के साथ बुधवार को ऐसे करीब 100 अभ्यर्थियों ने संसद मार्ग पर प्रदर्शन भी किया था।

loksabha election banner

छात्रों को एक और मौका देने के पक्ष में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि 1979 और 1992 में यूपीएससी ने नियमों में बदलाव किए थे। दोनों ही बार प्रभावित छात्रों को पुन: एक मौका दिया गया था। राजद नेता मनोज झा, डीएमके नेता टीकेएस एलानगोवन और कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने भी छात्रों की मांग का समर्थन किया।

छात्रों का कहना है कि वह नौकरी नहीं मांग रहे, केवल एक और फिर परीक्षा में बैठने का मौका चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि 2011 में यूपीएससी ने सीसैट (सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट) की शुरुआत की थी। इस बदलाव का हिंदी और गैर विज्ञान शाखा के छात्रों की ओर से विरोध हुआ था। छात्रों का कहना था कि इससे अंग्रेजी, गणित और विज्ञान से पढ़ाई नहीं करने वालों को परेशानी होगी।

2015 में सीसैट को क्वालिफाइंग कर दिया था। आयोग की ओर से गठित अरुण एस निगावेकर कमेटी और यूपीएससी की अपनी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने भी आया था कि 2011-2014 के दौरान स्थानीय भाषाओं और गैर विज्ञान छात्रों के चयन में कमी आई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.