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MP Politics: शिवराज मंत्रिमंडल में कई भाजपा विधायकों को जगह नहीं मिलने से गर्माई राजनीति

सरकार और संगठन को अभी विधानसभा अध्यक्ष तय करना है। विश्नोई को इसके लिए चुना जा सकता है। एक माह के भीतर इसकी घोषणा हो सकती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 01:02 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 01:02 AM (IST)
MP Politics: शिवराज मंत्रिमंडल में कई भाजपा विधायकों को जगह नहीं मिलने से गर्माई राजनीति
MP Politics: शिवराज मंत्रिमंडल में कई भाजपा विधायकों को जगह नहीं मिलने से गर्माई राजनीति

पंकज तिवारी, जबलपुर। मध्य प्रदेश के विंध्य-महाकोशल अंचल को मंत्रिमंडल में पर्याप्त तवज्जो नहीं मिलने से राजनीति गर्मा गई है। विधायक नाराज हंै। इसमें पाटन से भाजपा के विधायक अजय विश्नोई भी शामिल हंै। उन्होंने एक दिन पहले एक माह में 'कुछ बड़ा' करने का एलान कर राजनीतिक सनसनी फैला दी। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर जन आक्रोश का हवाला देकर जबलपुर-रीवा जिले का प्रभार लेने का आग्रह किया है। उनके इस बयान के बाद चौहान ने उनसे फोन कर बात की और चर्चा के लिए भोपाल बुलाया है।

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विश्नोई की वजह से जबलपुर मंत्रीविहीन हो गया

सूत्रों का कहना है कि विश्नोई ने मुख्यमंत्री से मुलाकात टाल दी है। उन्होंने पत्र भेजने की जानकारी मुख्यमंत्री को दी है। इसे सरकार पर दबाव बनाने के लिए विश्नोई का बड़ा दांव माना जा रहा है। सरकार में अब सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली है। संभव है कि संगठन उन्हें मनाने के लिए यह पद देने की पेशकश करे। मंत्रिमंडल विस्तार से एक दिन पहले भी विश्नोई द्वारा इस्तीफे की बात कही गई थी। उनकी इस चेतावनी का असर रहा कि जबलपुर मंत्रीविहीन हो गया।

शिवराज मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से कई विधायक हैं नाराज

पार्टी नेताओं का कहना है कि यदि ये वाकया न होता तो वहां से नंदिनी मरावी, अशोक रोहाणी या इंदु तिवारी में से किसी एक को मंत्री बनने का अवसर मिल सकता था। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल में कई लोगों को जगह नहीं मिलने से नाराजगी की बात सामने आ रही है।

'बड़ा' के एलान के पीछे की राजनीति

बयान आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें फोन कर भोपाल बुलाया। हालांकि, विश्नोई ने जल्द आने का भरोसा दिया है। उनकी नाराजगी सरकार को मुश्किल में डाल सकती है। विश्नोई द्वारा जबलपुर और रीवा जिले का प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री को बनाने के अनुरोध के पीछे शहर के क्षत्रपों को ठिकाने लगाना है। असल में स्थानीय गुटबाजी में जबलपुर से मंत्री पद छिन गया। एक दिग्गज नेता का लगातार विरोध भारी पड़ा। वे नहीं चाहते थे कि जिले से कोई मंत्री बनकर उनके कद को कमजोर करे।

सिहोरा विधायक नंदनी मरावी का नाम आखिरी वक्त पर कटा

सिहोरा विधायक नंदनी मरावी का नाम आखिरी वक्त पर कटने के पीछे भी राजनीति ही बताई जा रही है। स्थानीय खींचतान के कारण ही नुकसान झेलना पड़ा।

विश्नोई को विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुना जा सकता है

सरकार और संगठन को अभी विधानसभा अध्यक्ष तय करना है। विश्नोई को इसके लिए चुना जा सकता है। एक माह के भीतर इसकी घोषणा हो सकती है।

पत्र में ये लिखा

अजय विश्नोई ने पत्र में लिखा- माननीय मुख्यमंत्री जी, जबलपुर और रीवा संभाग के नागरिकों में मंत्रिपरिषद को लेकर असंतोष है। जो स्वाभाविक है। मैं आपकी मजबूरी को समझ सकता हूं, आमजन नहीं। मेरा अनुरोध है कि आप स्वयं जबलपुर और रीवा जिले का प्रभार ले लीजिए। लोगों की नाराजगी दूर हो जाएगी। आपकी जानकारी के लिए दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए जबलपुर के प्रभारी मंत्री रह चुके हैं। विश्वास है कि आप मेरे इस अनुरोध को स्वीकार करेंगे।


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