मनमोहन ने कहा- लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के खाते में कैश ट्रांसफर ही सबसे बेहतर विकल्प
कोरोना पर पूर्व पीएम मनमोहन की अगुआई में गठित कांग्रेस का परामर्श समूह ने छोटे व मझोले उद्योग को राहत देने के सुझावों का प्रस्ताव सरकार को सौंपेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुआई में गठित कांग्रेस का परामर्श समूह छोटे व मझोले उद्योग को राहत देने के सुझावों का एक प्रस्ताव जल्द एनडीए सरकार को सौंपेगा। एमएसएमई सेक्टर को उबारने के साथ ही लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के संकट और गेहूं खरीद की चुनौती से निपटने के उपायों की रूपरेखा भी पार्टी सरकार को सौंपेगी। हालांकि इनसे जुड़ी सिफारिशों से पूर्व कांग्रेस ने जन धन, पीएम किसान और वृद्ध-विधवा-दिव्यांग पेंशन के सभी खाताधारकों को 7500 रुपये तत्काल कैश ट्रांसफर का सरकार को सुझाव दिया है।
जरूरतमंदों के खाते में कैश ट्रांसफर ही सबसे बेहतर विकल्प- कोरोना परामर्श समूह
मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के कोरोना परामर्श समूह की हुई पहली बैठक में कैश ट्रांसफर का सुझाव देने का यह फैसला हुआ। समूह के सदस्य जयराम रमेश ने बैठक के बाद वीडियो प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि लॉकडाउन में संकट का सामने कर रहे जरूरतमंदों के खाते में कैश ट्रांसफर ही सबसे बेहतर विकल्प है। इसीलिए सभी जन धन खातों, ग्रामीण विकास मंत्रालय की वृद्धा, विधवा व दिव्यांग पेंशन के साथ पीएम किसान के सभी लाभार्थियों के खाते में 7,500 रुपए तुरंत ट्रांसफर होने से अगले एक महीने की उनकी मांग और जरूरत दोनों पूरी होगी।
लघु-मध्यम उद्योग क्षेत्र को मदद की जरूरत
जयराम के मुताबिक बैठक में मनमोहन सिंह और राहुल गांधी दोनों का मानना था कि हमारा लघु-मध्यम उद्योग क्षेत्र रोजगार ही नहीं अर्थव्यवस्था के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। केंद्र व राज्य दोनों स्तरों पर एमएसएमई क्षेत्र को वित्तीय समेत दूसरे तरह की मदद की जरूरत है। इसीलिए केंद्रीय वित्तीय संस्थाओं से विशेष मदद का दस्तावेज यह समूह तैयार कर रहा है। जयराम ने कहा कि हम अगले एक दो दिनों में अपनी सिफारिशें केंद्र सरकार को सौंप देंगे।
जयराम ने कहा- लॉकडाउन में किसानों से गेहूं की खरीददारी बड़ी चुनौती
जयराम के मुताबिक लॉकडाउन में किसानों से गेहूं की खरीददारी भी बड़ी चुनौती बन गई है। परामर्श समूह ने इसके समाधान के विकल्पों पर भी चर्चा की है और हम केंद्र को अपने सुझाव देंगे। जयराम ने कहा बैठक में मनमोहन सिंह और राहुल गांधी दोनों का कहना था कि कोरोना संकट का सामना कर रहे देश की मौजूदा स्थिति में इन सुझावों को राजनीतिक लिहाज से नहीं देखा जाना चाहिए। इसीलिए कांग्रेस इन्हें मांग के तौर पर नहीं बल्कि सुझावों के रुप में सरकार को सौंपेगी।
जयराम ने कहा- हमारे सुझावों को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए
सवालों के जवाब में जयराम ने कहा कि हमारे रचनात्मक सुझावों को कांग्रेस या भाजपा के राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि संकट में यह देश और लोगों के हित का मसला है। जयराम के मुताबिक राहुल गांधी ने बैठक में अपनी यह बात दोहरायी कि सरकार के साथ कई विषयों पर अलग राय के बावजूद आज हमें एक रचनात्मक तरीके से साथ मिलकर काम करना चाहिए। जयराम ने उम्मीद जताई कि सरकार भी इन सुझावों को सकारात्मक तरीके से लेते हुए जरूरी कदम उठाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन दिन पहले इस 11 सदस्यीय परामर्श समूह का गठन किया था और पहली बैठक में तय हुआ कि हर दो दिन में समूह के सदस्य आपस बैठक में हालात की समीक्षा करेंगे।