मनमोहन सरकार का दावा हुआ हवा हवाई, दस फीसद तक नहीं पहुंची थी विकास दर
मोदी सरकार के शुरुआती चार वर्षो में देश की औसत विकास दर यूपीए सरकार के अंतिम चार वर्षो से अधिक दिखती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीडीपी गणना की नई विधि और नए आधार वर्ष 2011-12 पर जारी आंकड़ों ने पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार के काल में एक वक्त में दस फीसद विकास दर पार करने का दावा खारिज कर दिया है। यह और बात है कि वह दावा भी हवा हवाई ही था क्योंकि इस बाबत कोई औपचारिक आंकड़ा आया ही नहीं था। खास बात यह है कि नई सिरीज के इन आंकड़ों में मोदी सरकार के शुरुआती चार वर्षो में देश की औसत विकास दर यूपीए सरकार के अंतिम चार वर्षो से अधिक दिखती है।
वित्त वर्ष 2004-05 से 2011-12 तक सात साल के लिए जारी किए बैक सिरीज आंकड़े
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव प्रवीण कुमार ने जीडीपी की नई सिरीज के अनुरूप आधार वर्ष 2004-05 और 2011-12 पर विकास दर के आंकड़े जारी किए। उन्होंने बताया कि आधार वर्ष 2004-05 पर विकास दर का आंकड़ा अधिक था, लेकिन आर्थिक गतिविधियों के नए स्रोतों और जीडीपी की गणना की नई विधि के अनुरूप विकास दर कम है।
बैक सिरीज के आंकड़ों का मतलब है आधार वर्ष से पूर्व के वर्षो के लिए जीडीपी की फिर से गणना करना। यही वजह है कि सीएसओ ने 2011-12 के आधार वर्ष से पूर्व के ये आंकड़े जारी किए हैं।
नीति आयोग के कहा कि उपाध्यक्ष ने जीडीपी गणना के पुराने तरीके में असंगठित व्यापार, संचार और वित्त जैसे क्षेत्रों की विकास दर अधिक आ रही थी जबकि नयी सिरीज आंकड़ों के नए स्रोत इस्तेमाल करने पर पता चला है कि इस विकास दर कम थी।
उन्होंने इस संबंध में संचार क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले दूरसंचार ग्राहकों की संख्या के आधार पर इस क्षेत्र के उत्पादन की गणना की जाती थी जबकि नई विधि में इस बात का संज्ञान लिया जाता है कि ग्राहक ने कितनी देर फोन पर बातचीत की।
उल्लेखनीय है कि सीएसओ ने 2015 में जीडीपी की गणना के लिए नई विधि और नया आधार वर्ष 2011-12 अपनाया था। सीएसओ जब भी आधार वर्ष में बदलाव करता है तो वह पूर्ववर्ती वर्षो के लिए जीडीपी के बैक-सीरिज आंकड़े भी जारी करता है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने जीडीपी के बैक सीरिज के आंकड़ों की गणना के लिए सुदीप्तो मंडल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।
इस समिति ने नई सीरिज और नए आधार वर्ष पर गणना कर अपनी रिपोर्ट में बताया था कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में वित्त वर्ष 2006-07 में देश की विकास दर 10 प्रतिशत से अधिक थी। यह रिपोर्ट आने के बाद विकास दर को लेकर बहस छिड़ गयी थी। इसके बाद ही सीएसओ ने बैक सीरिज के ये आंकड़े जारी किए हैं जिनमें यूपीए सरकार के कार्यकाल में पहले की तुलना में कम दिखाया गया है, लेकिन आधार वर्ष 2004-05 के आधार पर देखा जाए तो वर्ष 2010-11 में भी विकास दर दस प्रतिशत से ऊपर पहुंच गयी है। हालांकि वित्त वर्ष 2012-13 और 2013-14 के लिए आधार वर्ष 2004-05 पर आंकड़े नहीं दिए गए हैं।
जीडीपी गणना की नई विधि के अनुसार अलग-अलग आधार वर्षो पर विकास दर (प्रतिशत)
2004-05 पर 2011-12 पर
2005-06 9.3 7.9
2006-07 9.3 8.1
2007-08 9.8 7.7
2008-09 3.9 3.1
2009-10 8.5 7.9
2010-11 10.3 8.5
2011-12 6.6 5.2
यूपीए बनाम एनडीए
वित्त वर्ष विकास दर ( प्रतिशत में )
मनमोहन सरकार
2010-11 8.5
2011-12 5.2
2012-13 5.5
2013-14 6.4
अंतिम चार साल का औसत: 6.4
मोदी सरकार
2014-15 7.4
2015-16 8.2
2016-17 7.1
2017-18 6.7
शुरुआती चार साल का औसत 7.35।