Manipur Assembly Elections 2022: मणिपुर के चुनावी रण में पुरुषों से ज्यादा महिला वोटरों की संख्या, लेकिन चुनावी मैदान में हिस्सेदारी कम
Manipur Assembly Elections 2022 मणिपुर में दो चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। इस बार मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए महिला वोटर काफी अहम होने वाली है। मणिपुर विधानसभा के दो चरणों के चुनाव में कुल 2048169 मतदाताओं में से करीब 52 फीसदी महिलाएं वोट डालेंगी।
इम्फाल, आइएएनएस: मणिपुर में दो चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। इस बार मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए महिला वोटर काफी अहम होने वाली है। मणिपुर विधानसभा के दो चरणों के चुनाव में कुल 20,48,169 मतदाताओं में से करीब 52 फीसदी महिलाएं वोट डालेंगी। हालांकि, मणिपुर में महिला मतदाताओं की संख्या 52 फीसदी होने के बावजूद कुल 265 दावेदारों में से केवल 6.42 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को ही अपना चुनावी भाग्य आजमाने का मौका मिला है।
महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक
दरअसल, 28 फरवरी और 5 मार्च को दो चरणों में होने वाले मौजूदा 12वें मणिपुर विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या 10,57,336 है। जबकि, यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,90,627 है। वहीं, 206 तीसरे थर्ड जेंडर वोटर हैं। बता दें कि, कुल 265 उम्मीदवारों में से केवल 17 महिलाओं यानि (6.42 प्रतिशत) को इस बार विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी मैदान में उतारा गया है। हालांकि उनके चुनावी घोषणापत्र और अभियान में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया है।
राजनीतिक दलों ने 17 महिलाओं को दिया टिकट
जानकारी के मुताबिक, मणिपुर विधानसभा चुनाव में कुल 17 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। इनमें से कांग्रेस ने चार महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) से तीन-तीन महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं। जबकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से दो उम्मीदवार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल-यूनाइटेड और एक स्थानीय पार्टी से एक-एक और दो स्वतंत्र उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं। 17 महिला उम्मीदवारों में भाजपा की नेमचा किपगेन और कांग्रेस की अकोइजम मीराबाई देवी मौजूदा विधायक हैं।
महिलाओं की स्थिति पर लेखिका ने क्या कहा
इंफाल स्थित लेखिका इबोयैमा लैथंगबम ने कहा, जब तक महिलाएं नीति बनाने वाले निकायों का हिस्सा नहीं बनतीं, उनका वास्तविक सशक्तिकरण संभव नहीं है। कम संख्या में महिलाओं को चुनाव लड़ने की अनुमति देकर, राजनीतिक दल महिलाओं को समान अधिकार से वंचित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मणिपुर की अर्थव्यवस्था में महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
चुनाव अधिकारी के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव में 89 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। जबकि 84 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया था। मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, आगामी चुनावों में 9,90,627 पुरुष मतदाता हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 10,57,336 है। इस बार मणिपुर में दो चरण में 28 फरवरी तथा पांच मार्च को विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि 10 मार्च को नतीजे घोषित होंगे।
2017 में 11 महिला उम्मीदवारों ने लड़ा था चुनाव
आपको बता दें कि, 2017 के विधानसभा चुनावों में 11 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, लेकिन उनमें से भाजपा और कांग्रेसी एक एक उम्मीदवार जीती थी। जो 3.4 फीसदी थीं। मणिपुर के चुनावी इतिहास में अब तक केवल एक महिला लोकसभा सदस्य किम गंगटे, एक आदिवासी आरक्षित सीट से जीत चुकी हैं, जो 1998 में 12वीं लोकसभा के लिए चुनी गई थी। मणिपुर के पूर्ण राज्य बनने के बाद 1990 में उखरुल विधानसभा क्षेत्र से पहली महिला विधायक दिवंगत हंगमिला शाज़ा चुनी गई थी। इसके बाद अपाबी देवी और डब्ल्यू लेई मां देवी जो बाद में राज्य सरकार में मंत्री भी बनीं, वह विधानसभा के लिए चुनी गईं। 2012 के विधानसभा चुनावों में केवल तीन यानि (पांच फीसदी) महिलाएं चुनी गईं थी। मणिपुर में 1972 के बाद से पांच दशकों से अधिक की चुनावी राजनीति में 10 से कम विधायक और महिला सांसद बनीं।