मणिशंकर अय्यर बोले- गैर-गांधी भी हो सकता है कांग्रेस प्रमुख, लेकिन...
कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि एक गैर-गांधी कांग्रेस पार्टी का प्रमुख हो सकता है लेकिन मीडिया को धैर्य रखते हुए राहुल गांधी की ओर से दी गई समय-सीमा का इंतजार करना चाहिए।
नई दिल्ली,एजेंसी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने राहुल गांधी के अध्यक्ष पद नहीं संभालने के दावों के बीच अपनी राय जाहिर की है। मणिशंकर ने कहा कि एक गैर-गांधी कांग्रेस पार्टी का प्रमुख हो सकता है, लेकिन गांधी परिवार को पार्टी में सक्रिय बने रहना चाहिए।
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने रविवार को एक इंटरव्यू में सत्तारू़ढ़ दल पर दोषषारोपण करते हुए कहा कि भाजपा का मकसद 'गांधी मुक्त भारत' बनाना है ताकि यहां 'कांग्रेस मुक्त भारत' बन सके।बेहतर तो यही होगा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने रहें, लेकिन इसी के साथ राहुल की इच्छा का भी खयाल रखा जाना चाहिए।
नेहरू-गांधी को पार्टी में सक्रिय रहना जरूरी
अय्यर ने कहा-मुझे यकीन है कि कामचलाऊ गैर नेहर-गांधी पार्टी प्रमुख के साथ कांग्रेस का अस्तित्व बना रह सकता है, लेकिन इसके साथ नेहरू-गांधी को पार्टी में सक्रिय रहना जरूरी है। इससे वह पार्टी में कोई गंभीर मतभेद खड़ा होने पर उसका समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल ने पार्टी को एक महीने का वक्त दिया ताकि वह उनके स्थान पर किसी को चुन लें, लेकिन इससे इस मुद्दे पर कांग्रेस के अंदर ही तरह-तरह की काल्पनिक घटनाएं रची जाने लगीं। इससे पार्टी में यह भाव प्रमुखता से उभरा कि राहुल को अपने पद पर बने रहना चाहिए।
नेहरू-गांधी परिवार के लोगों से इतर रहे हैं पार्टी अध्यक्ष
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अटकलबाजी के बजाय मीडिया को धैर्य रखते हुए राहुल गांधी की ओर से दी गई समय-सीमा का इंतजार करना चाहिए। ताकि पता चले कि राहुल का कोई विकल्प है या वह कांग्रेस प्रमुख बने रहेंगे। 78 वर्षीय नेता ने कहा कि पार्टी का पुराना इतिहास रहा है जब नेहरू-गांधी परिवार के लोगों से इतर पार्टी अध्यक्ष (यूएन धेबर से लेकर ब्रह्मानंद रेड्डी तक) रहे हैं। यही मॉडल अब भी अपनाया जा सकता है।
पार्टी फिर से वापसी करेगी
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि सोनिया गांधी संसदीय दल की नेता हैं और राहुल गांधी हमारे संसदीय दल का हिस्सा हैं, हमें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद राहुल गांधी रहें या कोई और, पार्टी फिर से वापसी करेगी और भारत के आंदोलन के तौर पर अपना मुकाम हासिल करेगी।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल ने इस्तीफा देने की थी पेशकश
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विगत 25 मई को कांग्रेस कार्यकारी समिति की बैठक में अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी की केवल 52 सीटें आने पर उन्होंने हार की जिम्मेदारी ली थी। लेकिन सीडब्लूसी ने एक स्वर में उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। विगत गुरवार को राहुल ने कहा था कि अगला कांग्रेस प्रमुख कौन होगा यह पार्टी तय करेगी, वह नहीं।
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