उप सभापति चुनाव में दिखा टीम शाह का प्रबंधन, विपक्षी एकजुटता को दिया जोर का झटका
विपक्षी एकजुटता के दावों के बीच उनके मजबूत सदन में ही उपसभापति चुनाव जीतकर राजग ने जहां कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी एकजुटता के दावों के बीच उनके मजबूत सदन में ही उप सभापति चुनाव जीतकर राजग ने जहां कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने फिर से अपने माइक्रो मैनेजमेंट का लोहा मनवा दिया है। जदयू के सदस्य हरिवंश नारायण सिंह के पीछे खड़े शाह ने जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा की दस सदस्यीय टीम लगा दी थी। कमान खुद अपने हाथ में रखकर वह रोजाना इसकी निगरानी कर रहे थे। रणनीति काम कर गई। राजग से बाहर खड़े जिन दलों ने समर्थन में वोट दिया उसने तो मदद की ही, जो बाहर रहे उन्होंने भी परोक्ष समर्थन किया।
सोमवार को एक औपचारिक टीम बनाई गई थी और हर किसी की जिम्मेदारी तय कर दी गई थी। खुद शाह ने नाराज चल रहे शिवसेना, थोड़े से खिंचे-खिंचे अकाली दल और वाइएसआर कांग्रेस को पूरी तरह समर्थन के लिए खड़े करने की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले लिया था। इन दलों से संपर्क करने के लिए पीयूष गोयल भी उनके साथ थे। संसदीय कार्यवाही से भली भांति परिचित मुख्तार अब्बास नकवी के साथ अनिल जैन के जिम्मे भाजपा के सभी सदस्यों के साथ लगातार संपर्क, उनका प्रशिक्षण आदि शामिल था। तो भूपेंद्र यादव को समाजवादी पार्टी, एसडीएफ, पश्चिम बंगाल से आने वाले ऋतुब्रत बनर्जी जैसे सदस्यों को साधने की जिम्मेदारी दी गई।
पीयूष गोयल को अमर सिंह, तृणमूल के केडी सिंह, परिमल नाथवानी, संजय ककाडे, सुभाष चंद्रा से संपर्क करने को कहा गया। राम माधव और धर्मेद्र प्रधान को हाल ही में राजग से अलग हुए पीडीपी से संपर्क साधने की जिम्मेदारी मिली और भाजपा के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करने वाले आम आदमी पार्टी से बात करने की जिम्मेदारी प्रधान व गोयल को मिली। जेपी नड्डा और निर्मला सीतारमण ने टीआरएस से बात की। खुद उपसभापति उम्मीदवार हरिवंश को भी केरल के स्वतंत्र उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार से संपर्क करने का आग्रह किया गया।
बताते हैं कि पिछले तीन दिनों से शाह रोजाना अपनी टीम से पूरा फीडबैक ले रहे थे। गुरुवार को भी भाजपा के सदस्यों को समय से पूर्व बुला लिया गया था।