अनुसूचित जनजाति के पुलिसकर्मियों पर मेहरबानी को लेकर विपक्षी दलों से घिरी ममता सरकार
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान तथा माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती का कहना है कि पुलिस मुख्यालय की यह अधिसूचना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। कोलकाता के पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी थानों व ट्रैफिक गार्ड को जारी की गई एक अधिसूचना को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। गत 11 फरवरी को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अनुसूचित (तफसिली) जनजाति समुदाय के जो पुलिस कर्मचारी विभाग में बेहतर कार्य कर रहे हैं, उनकी सूची तैयार कर पुलिस मुख्यालय को भेजी जाए। पुलिस मुख्यालय उक्त कर्मचारियों को पुरस्कृत करेगा। इसको लेकर बंगाल की ममता सरकार घिर गई है। सभी विपक्षी दलों, भाजपा, कांग्रेस और माकपा ने उसको आड़े हाथों लिया है।
पुरस्कृत करने को लेकर पुलिस मुख्यालय से जारी की गई अधिसूचना
पुलिस मुख्यालय के इस फैसले को जानकार राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं। उनका मानना है कि गत लोकसभा चुनाव में इस समुदाय के वोट से वंचित होने के कारण अब सरकार अनुसूचित जनजाति के पुलिस कर्मचारियों पर ज्यादा मेहरबान हो गई है। इसका एक और ताजा उदाहरण यह है कि पिछले दिनों पेश हुए राज्य के बजट में सरकार ने बंधु व जय जोहार नाम की दो योजनाएं शुरू करने की घोषणा की थीं, जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1000 रुपये मासिक पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी इस तरह की अधिसूचना में जानकार सियासी हित देख रहे हैं।
नौकरी मिलने के बाद सभी पुलिस कर्मचारियों को समान नजरिये से देखना चाहिए- पूर्व पुलिस आयुक्त
पूर्व पुलिस आयुक्त तुषार तालुकदार का कहना है कि नौकरी मिलने के बाद सभी पुलिस कर्मचारियों को समान नजरिये से देखना चाहिए। कोई कर्मचारी अगर बेहतर कार्य करता है तो जातपात नहीं देखकर उसके कार्य को तवज्जो देना चाहिए। श्री तालुकदार कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसी अधिसूचना नहीं देखी है। इस तरह की अधिसूचना पुलिस कर्मचारियों की आपसी एकता में विष घोलेगी।
अपने जीवन में अभी तक इस तरह की अद्भुत अधिसूचना नहीं देखी- ट्रैफिक गार्ड
कोलकाता के एक ट्रैफिक गार्ड का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में अभी तक इस तरह की अद्भुत अधिसूचना नहीं देखी है। सिर्फ अनुसूचित जनजाति के पुलिस कर्मचारियों का ही क्यों चयन किया जा रहा है, यह समझ से परे है। इस बारे कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (ट्रैफिक) रुपेश कुमार का कहना है कि यह पुलिस का अंदरूनी विषय है। इस बारे में ज्यादा बात नहीं कर सकते।
राजनीतिक दलों ने सरकार को घेरा
अधिसूचना को लेकर राजनीतिक दलों ने ममता बनर्जी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा का कहना है कि इस तरह की अधिसूचना सचमुच चकित करने वाली है। पुलिस मुख्यालय ने सरकार के इशारे पर आगामी निकाय तथा विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह निर्णय लिया है।
पुलिस मुख्यालय की अधिसूचना राजनीति से प्रेरित- कांग्रेस और माकपा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान तथा माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती का कहना है कि पुलिस मुख्यालय की यह अधिसूचना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। इस बारे सवाल पूछने पर तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने किसी प्रकार की टिप्पणी करने से साफ इन्कार कर दिया और कहा कि यह पुलिस मुख्यालय का निजी फैसला है।