महाराष्ट्र कांग्रेस में बगावत के सुर तेज, मामला सुलझाने के लिए लगाए गए खड़गे
महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार के पहले विस्तार के बाद बगावत के सुर तेज होते जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस में कर्नाटक जैसी बगावत को रोकने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को लगाना पड़ा है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के दलों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ठाकरे सरकार के पहले विस्तार के बाद तो बगावत के सुर तेज होते जा रहे हैं। हाल ये है कि प्रदेश कांग्रेस में कर्नाटक जैसी बगावत को रोकने के लिए पार्टी को वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को लगाना पड़ा है।
वहीं, पुणे में कांग्रेस दफ्तर में मंगलवार को तोड़फोड़ करने के मामले में भोर से पार्टी के विधायक संग्राम थोप्टे के 19 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। थोप्टे को मंत्री नहीं बनाने से उनके समर्थक नाराज थे। विभागों के बंटवारे को लेकर भी मतभेद है। मंत्रिमंडल विस्तार के दो दिन बाद तक विभागों का बंटवारा नहीं होने के पीछे इसे ही कारण बताया जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस और राकांपा ने मतभेद की खबरों को खारिज किया है।
सूत्रों का कहना है कि थोप्टे और सोलापुर से कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणिति शिंदे के समर्थकों ने तो खुलेतौर पर विरोध जता दिया है, लेकिन कई ऐसे विधायक भी हैं जो मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं और पार्टी मंच पर अपना विरोध जता चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहब थोराट ने बुधवार को कहा कि उन्होंने मंगलवार की रात ही थोप्टे से बात की थी और वह मान गए हैं। कांग्रेस एक परिवार है और किसी को कोई शिकायत है तो उसे बातचीत के जरिए दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने पार्टी में असंतोष की खबरों को भी खारिज किया और कहा कि गठबंधन सरकार में पार्टी के हिस्से में कम मंत्री पद आए हैं, ऐसे में हर किसी को मंत्री बनाना संभव नहीं है।
मंत्री नहीं बनाए जाने से कांग्रेस और राकांपा विधायकों के बीच नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर उप मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है, हर कोई मंत्री बनने की आकांक्षा रखता है।
इस बीच, मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर मतभेद की खबरों की बीच बुधवार को गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि विभागों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए सचिवालय में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, बालासाहब थोराट, विजय वडेट्टीकर और नितिन राउत और राकांपा नेता अजीत पवार और खुद जयंत पाटिल और शिवसेना के एकनाथ शिंदे की बैठक हुई।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस कृषि, सहकारिता, आवास और ग्रामीण विकास मंत्रालय नहीं मिलने से नाराज बताई जा रही है। इसमें से कृषि शिवसेना और बाकी के विभाग राकांपा के पास हैं।