कृषि कानूनों पर अभी नहीं थमने वाला बवाल, संसद में मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति
मोदी सरकार को आखिरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लेना पड़ा। इसे पांच राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दें को ना छोड़ने और मोदी सरकार को आगामी संसद सत्र के दौरान घेरने का निर्णय।
नई दिल्ली, एएनआइ। मोदी सरकार को आखिरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लेना पड़ा। इसे पांच राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस ने इस मुद्दे को ना छोड़ने और मोदी सरकार को आगामी संसद सत्र के दौरान घेरने का निर्णय लिया है। अब कृषि कानूनों को वापस लेने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह किसानों की जीत है। साथ ही प्रश्न उठाया कि किसान आंदोलन में गई 700 लोगों की जान का जिम्मेदार कौन है?
खड़गे ने ट्वीट कर कहा,' यह किसानों की जीत है, जो इतने दिनों से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं; 700 से अधिक की मृत्यु हो गई। लगता है केंद्र दोषी है... लेकिन किसानों ने इतने जो परेशानी झेली उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? हम इन मुद्दों को संसद में उठाएंगे।'
गौरतलब है कि तीनों नए कृषि कानून 17 सितंबर 2020 को संसद से पास कराया गया था। इसके बाद से लगातार किसान संगठनों की तरफ से विरोध कर इन कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही थी। किसान संगठनों का तर्क था कि इस कानून के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म कर देगी और उन्हें उद्योगपतियों के रहमोकरम पर छोड़ देगी। जबकि, सरकार का मानना था कि इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में नए निवेश का अवसर पैदा होगें और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इसके लिए सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी इस पर सहमति नहीं बन पाई। किसान दिल्ली की सीमाओं के आसपास आंदोलन पर बैठकर लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं।