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अयोध्‍या मामले में पुनर्विचार याचिका पर पशोपेश में जमीयत का महमूद मदनी गुट

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को लेकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का महमूद मदनी गुट पशोपेश में है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 11:42 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 11:42 PM (IST)
अयोध्‍या मामले में पुनर्विचार याचिका पर पशोपेश में जमीयत का महमूद मदनी गुट
अयोध्‍या मामले में पुनर्विचार याचिका पर पशोपेश में जमीयत का महमूद मदनी गुट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को लेकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का महमूद मदनी गुट पशोपेश में है। यही कारण है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक में बुधवार देर रात तक मंथन चलता रहा, पर कोई फैसला नहीं किया जा सका।

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बैठक में नहीं हो सकता फैसला  

आइटीओ स्थित जमीयत मुख्यालय में हुई महमूद मदनी गुट की इस बैठक में कार्यकारिणी के सदस्यों के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता भी शामिल थे। बैठक में विचार-विमर्श इस पर हो रहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सर्वोच्च फैसला मानते हुए स्वीकार कर लिया जाए या इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के रुख का समर्थन किया जाए।

बंटी हुई है सदस्यों की राय 

सूत्रों के मुताबिक बैठक में शामिल 40 सदस्यों की राय बंटी हुई है। जमीयत के अध्यक्ष अरशद मदनी गुट ने अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है। लखनऊ में हुई मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत की बैठक में अरशद मदनी ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का समर्थन किया है। हालांकि, उसी बैठक को बीच में छोड़कर महमूद मदनी बाहर निकल आए थे।

पुनर्विचार याचिका दायर  करने का फैसला 

पिछले रविवार को लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी ने बैठक कर निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करेगा। बोर्ड ने मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि अन्यत्र लेने से भी यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि यह शरीयत के खिलाफ है। हालांकि मुस्लिम पक्ष के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा है कि वह पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के निर्णय से सहमत नहीं है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक रविवार को नदवातुल उलमा में होनी थी, लेकिन प्रशासन से अनुमति न मिलने की वजह से डालीगंज स्थित मुमताज पीजी कॉलेज में हुई।

पुनर्विचार याचिका के पक्ष में नहीं

माना जा रहा है कि वह पुनर्विचार याचिका के पक्ष में नहीं हैं। बैठक में यह भी तय नहीं हो पाया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने के फैसले को स्वीकार किया जाए या नहीं। हालांकि, महमूद मदनी के एक करीबी ने कहा कि उनका अकेले का फैसला जमीयत का निर्णय नहीं हो सकता है। कार्यकारिणी जो निर्णय लेगी वही, जमीयत का रुख होगा।


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