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नहीं मान रहे महाथिर, सीएए व कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर बाज नहीं आ रहा मलयेशिया

सितंबर में जब पीएम महाथिर ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था तब भारत के कारोबारियों ने मलयेशिया से पाम आयल आयात प्रतिबंधित करने की धमकी दी थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 08:31 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 08:31 PM (IST)
नहीं मान रहे महाथिर, सीएए व कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर बाज नहीं आ रहा मलयेशिया
नहीं मान रहे महाथिर, सीएए व कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर बाज नहीं आ रहा मलयेशिया

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। इस्लामिक देशों के अगुवा बनने की धुन में मलयेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद भारत के साथ अपने देश के रिश्तों को तार-तार करने के लिए आमदा हैं। भारत की तरफ से पिछले दो दिनों में दो बार आपत्ति जताने के बावजूद मोहम्मद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के अंदरुनी मामले में हस्तक्षेप करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

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मलयेशिया के राजदूत को सम्मन कर विदेश मंत्रालय ने लगाई फटकार

शनिवार को नई दिल्ली में मलयेशिया के राजदूत को सम्मन कर विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और उसे भारत के गुस्से से अवगत कराया। हालात जिस तरह से बनते जा रहे हैं उसे देखते हुए भारत मलयेशिया के खिलाफ और भी कडे़ कदम उठाने से परहेज नहीं करेगा।

महाथिर की टिप्पणी अंतरराष्ट्रीय रिश्तों के मानकों के खिलाफ है

सरकारी सूत्रों ने बताया कि मलयेशिया के राजदूत को साफ शब्दों में यह बताया गया है कि महाथिर की टिप्पणी किस तरह से अंतरराष्ट्रीय रिश्तों के सामान्य मानकों के खिलाफ है। भारत मलयेशिया को एक मित्र राष्ट्र मानता है और उम्मीद करता है कि वहां की सरकार हमारे आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। भारत ने यह भी उम्मीद जताई है कि मलयेशिया सरकार भारत के साथ आगे के रणनीतिक रिश्तों को ध्यान में रखते हुए फैसला करेगी। शुक्रवार को भी विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि जिस मुद्दे के बारे में पता नहीं हो उसके बारे में पीएम महाथिर मोहम्मद को बोलना नहीं चाहिए।

महाथिर इस्लामिक देशों के नए नेता बनने की कोशिश में

सूत्रों का कहना है कि महाथिर मोहम्मद दरअसल अपने देश को इस्लामिक देशों के नए नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश में हैं। यही वजह है कि वह लगातार भारत की कई नीतियों पर टिप्पणी कर रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने सितंबर, 2019 में संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक में कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले पर टिप्पणी की। अब उन्होंने सीएए को भी अपने तरकश में शामिल कर लिया है।

महाथिर ने इस्लामिक देशों के सम्मेलन में सीएए की आड़ में भारत पर साधा था निशाना

गुरुवार को राजधानी कुआलालंपुर में इस्लामिक देशों के एक समारोह को संबोधित करते हुए सीएए की आड़ में भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि पर निशाना साधा था। सितंबर में पाकिस्तान ने मलयेशिया और तुर्की के साथ मिल कर भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने की कोशिश की थी।

मलयेशिया के साथ भारत का रणनीतिक या कारोबारी रिश्ता नहीं है

सूत्रों का कहना है कि उक्त तीनों देशों के साथ भारत का कोई ऐसा रणनीतिक या कारोबारी रिश्ता नहीं है जो उसके लंबे वैश्विक हितों पर विपरीत असर डाले। भारत ने जब से तुर्की के सबसे प्रबल विरोधी देशों साइप्रस व अर्मेनिया को तवज्जो देना शुरु किया है तब से उसके विरोधी स्वर शांत हुए हैं।

भारत कठोर कदम उठा सकता है, यदि मलयेशिया का रुख नहीं बदला

सूत्रों के मुताबिक अभी यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में भी मलयेशिया का क्या रुख होता है। अगर उसके रुख में बदलाव नहीं आता है तो भारत दूसरे कठोर कदम उठा सकता है। महाथिर मोहम्मद के लगातार इस तरह के बयान से दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है।

जब महाथिर ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था, तब भारत ने पाम आयल पर बेन लगाने की धमकी दी थी

सितंबर में जब पीएम महाथिर ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था तब भारत के कारोबारियों ने मलयेशिया से पाम आयल आयात प्रतिबंधित करने की धमकी दी थी। मलयेशिया के पाम आयल का सबसे बड़ा खरीददार भारत है।

महाथिर ने किया भारत के साथ रिश्तों पर प्रहार

बहरहाल, पीएम मोहम्मद ने अपने राजनीतिक हितों के लिए भारत के साथ रिश्तों पर प्रहार कर ही दिया है। सनद रहे कि मई, 2018 में अपनी इंडोनेशिया यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कुछ घंटे निकाल कर मलयेशिया की यात्रा की और कुछ ही दिन पहले पीएम पद संभालने वाले महाथिर मोहम्मद को बधाई दी थी।


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