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महाराष्ट्र में अबतक लागू नहीं हुआ मोटर व्हीकल कानून, उद्धव सरकार के फैसले पर टिकी निगाहें

महाराष्ट्र में मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने को लेकर महा विकास अघाड़ी के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 10:54 AM (IST)
महाराष्ट्र में अबतक लागू नहीं हुआ मोटर व्हीकल कानून, उद्धव सरकार के फैसले पर टिकी निगाहें
महाराष्ट्र में अबतक लागू नहीं हुआ मोटर व्हीकल कानून, उद्धव सरकार के फैसले पर टिकी निगाहें

मुंबई, आइएएनएस। एक पखवाड़े से भी अधिक समय से महाराष्ट्र में बहुप्रतीक्षित मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम को लागू करने को लेकर फैसले का अबतक इंतजार किया जा रहा है। महाराष्ट्र में मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने को लेकर महा विकास अघाड़ी के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

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इससे पहले रही भाजपा-शिवसेना की गठबंधन सरकार ने महाराष्ट्र में मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने पर रोक लगा दी थी। देशभर में इस कानून के तहत जुर्माने और दंड को लेकर विरोध जताया था।शिवसेना की ओर से परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने इसे राज्य में लागू नहीं होने दिया, जिससे शिवसेना के सहयोगी भाजपो को झटका लगा। विशेष रूप से केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को जिन्हें अपने गृह राज्य में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा अनुशंसित जुर्माना/दंड बहुत ही कठोर है और यह सड़कों पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को जन्म दे सकता है। अधिकारी ने बताया, हम यहां एक प्रस्ताव को अंतिम रूप देने से पहले गुजरात जैसे अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए सूत्रों का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक भारत में मुश्किल से आठ राज्यों ने इसे लागू किया है और कुछ ने जुर्माना 80-90 प्रतिशत तक कम किया है।

जब (पूर्व मंत्री) रावटे ने 11 सितंबर को इस अधिनियम पर रोक की घोषणा की थी, इसका सर्वसम्मति से स्वागत किया गया था और यहां तक ​​कि भाजपा भी चुप थी। चुनावों के दौर को जारी रखा था।पूर्व भाजपा नेता किशोर तिवारी, जो अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सलाहकार हैं, उन्होंने चेतावनी दी थी कि भारी जुर्माने ने दहशत पैदा कर दी थी और लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया था।

इस बयान के कुछ ही घंटों बाद राजनीतिक हलकों में कहर मच गया, राउटे ने महाराष्ट्र में नए कानून के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी, जबकि कानून विभाग को इसकी राय के लिए कानून का हवाला दिया।

भाजपा नेता किशोर तिवारी ने आइएएनएस को बताया, 'मोटर व्हीकल कानून पर सरकार का रुख अधिनियम के नियमों पर बदला नहीं है।जुर्माने में भारी कटौती करने की आवश्यकता है, मोटर चालकों का उत्पीड़न, विशेष रूप से टियर -2 और III शहरों और कस्बों में दोपहिया वाहनों पर महिलाओं को समाप्त होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि राज्य में अधिनियम के एक तर्कसंगत संस्करण को लागू किया जाएगा।'


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