Maharashtra Politics: सावरकर पर महा विकास अघाडी में तकरार, NCP ने की कांग्रेस की आलोचना
सावरकर और न गोडसे पर छपे कांग्रेस सेवा दल की बुकलेट पर कांग्रेस पार्टी घिर गई है। एनसीपी ने कहा कि किसी व्यक्ति को लेकर आपत्तिजनक लेख लिखना गलत है। बुकलेट वापस ले ली जानी चाहिए।
मुंबई, एएनआइ। वीर सावरकर पर कांग्रेस सेवा दल की बुकलेट में छपे आपत्तिजनक बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी घिर गई है। इसे लेकर महा विकास अघाडी में तकरार हो गई है। शिवसेना के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने भी इस पर कांग्रेस की आलोचना की है।
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि किसी व्यक्ति को लेकर आपत्तिजनक लेख लिखना गलत है। वैचारिक मतभेद हो सकता है, लेकिन किसी को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। खासकर तब जब वह व्यक्ति (सावरकर) जीवित न हो। बुकलेट वापस ले ली जानी चाहिए।
वहीं पोर्टफोलियो आवंटित करने में देरी को लेकर भी नवाब मलिक ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि देरी का कारण कुछ और नहीं है। हम नए विभाग बनाने पर विचार कर रहे हैं। इसलिए समय लग रहा है। सोमवार तक पोर्टफोलियो आवंटित किए जाएंगे।
कांग्रेस के दिमाग में कचरा भरा है- शिवसेना
इससे पहले शिवसेना ने भी कांग्रेस की इसे लेकर आलोचना कि थी। शिवसेना ने कहा था कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस के दिमाग में कचरा भरा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने इसे लेकर कहा, 'वीर सावरकर एक महान व्यक्ति थे और हमेशा महान रहेंगे। उनके खिलाफ एक वर्ग बोलता रहता है। यह उनके दिमाग में जमा गंदगी को दिखाता है।' वहीं प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'देश में अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली जैसी कई समस्याएं हैं, लेकिन केंद्र और विपक्ष के पास सावरकर के अलावा कोई और मुद्दा ही नहीं है।'
क्या है मामला
गौरतलब है कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित कांग्रेस सेवादल के कार्यक्रम में वीर सावरकर पर पुस्तक बांटी गई। 'वीर सावरकर कितने वीर' नाम के इस पुस्तक में सावरकर को लेकर कुछ आपत्तिजनक बातें कही गई हैं। पुस्तक में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर भी टिप्पणियां की गई हैं। इसके बाद से कांग्रेस की आलोचना हो रही है।
जब राहुल गांधी ने कहा- उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है
पिछले महीने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रामलिला मैदान में रैली के दौरान भाजपा पर हमला बोलते हुए वीर सावरकर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है और इसलिए वह ( भारत में दुष्कर्म पर अपनी टिप्पणी) माफी नहीं मांगेंगे। शिवसेना ने इस बयान का आलोचना की थी।
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