Move to Jagran APP

महाराष्ट्र: शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता, समर्थन के लिए एनसीपी ने रखी ये शर्त

भाजपा के बाद महाराष्ट्र में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना (Shiv Sena) को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सरकार बनाने का न्योता दिया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 06:16 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 07:32 AM (IST)
महाराष्ट्र: शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता, समर्थन के लिए एनसीपी ने रखी ये शर्त
महाराष्ट्र: शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता, समर्थन के लिए एनसीपी ने रखी ये शर्त

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र (Maharashtra) में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने सरकार बनाने के लिए अब शिवसेना (Shiv Sena) को न्योता दिया है। भाजपा द्वारा सरकार बनाने से इन्कार करने के कुछ ही समय बाद राज्यपाल ने राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी शिवसेना को यह न्योता दिया। वहीं, एनसीपी (NCP) ने साफ कह दिया है कि शिवसेना एक साथ दो गठबंधनों में नहीं रह सकती।

loksabha election banner

राज्यपाल ने शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से सोमवार शाम 7.30 बजे तक अपनी पार्टी की इच्छा और सरकार बनाने की उसकी क्षमता यानी बहुमत के आंकड़े की जानकारी देने को कहा है। राजभवन की तरफ से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।

राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते शनिवार को भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया था। शिवसेना के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ी भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर दो बार भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई। दूसरी बार हुई बैठक को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इन बैठकों के बाद भाजपा नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल को बता दिया कि बहुमत सिद्ध करने लायक संख्याबल नहीं होने के चलते पार्टी सरकार नहीं बनाएगी।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शिवसेना पर जनादेश के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया था। पाटिल ने शिवसेना को कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए शुभकामनाएं भी दी।

चुनाव परिणाम घोषित होने के लगभग 15 दिनों बाद अब गेंद पूरी तरह से शिवसेना के पाले में आ गई है। संजय राउत शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा। वह शिवसेना को 170 विधायकों के समर्थन का दावा भी कर रहे हैं। अब उनके इस दावे की परीक्षा का समय भी आ गया है।

शिवसेना के सामने एनसीपी की शर्त

संजय राउत जिन दो पार्टियों के भरोसे सरकार बनाने का दावा करते आ रहे हैं, उसमें से एक एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने साफ कर दिया है कि शिवसेना एक साथ दो गठबंधनों में नहीं रह सकती। वह पहले केंद्र और राज्य हर जगह भाजपा से गठबंधन तोड़ने का फैसला करे, फिर हमसे समर्थन की उम्मीद करे। जबकि कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी महासचिव मल्लिकार्जुन खडगे ने कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिलने की बात कहते हुए किसी को समर्थन देने पर अंतिम निर्णय अपने आलाकमान पर छोड़ दिया है। वहीं, कांग्रेस के कई नेता शिवसेना से दूरी बनाकर रखने के लिए लगातार आगाह करते आ रहे हैं।

राज्यपाल ने सोमवार शाम तक अपने शिवसेना से जवाब मांगा है। इसका मतलब है कि सोमवार शाम से पहले ही शिवसेना को केंद्र और राज्य में भाजपा से गठबंधन तोड़ने और कांग्रेस-एनसीपी से संबंध जोड़ने की घोषणा कर लेनी होगी। ऐसे में मोदी मंत्रिमंडल में शिवसेना के कोटे से शामिल अरविंद सावंत को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 105 और शिवसेना के 56 सदस्य हैं। जबकि, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 44 है। बहुमत के लिए 145 सदस्यों की जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.