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महाराष्‍ट्र में कांग्रेस फिलहाल शिवसेना को समर्थन देने को राजी नहीं, सोनिया गांधी ने कही ये बात

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शिवसेना की सरकार का समर्थन करने को राजी नहीं हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के साथ हुई बैठक में सोनिया ने शिवसेना को सीधे समर्थन देने की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 09:24 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 06:54 AM (IST)
महाराष्‍ट्र में कांग्रेस फिलहाल शिवसेना को समर्थन देने को राजी नहीं, सोनिया गांधी ने कही ये बात
महाराष्‍ट्र में कांग्रेस फिलहाल शिवसेना को समर्थन देने को राजी नहीं, सोनिया गांधी ने कही ये बात

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। शिवसेना सत्ता की जंग में भाजपा को पटखनी देने के लिए भले कांग्रेस और एनसीपी के पाले में जाने का दांव चलने का संकेत दे रही हो मगर कांग्रेस फिलहाल इस खेल से दूरी बना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शिवसेना की सरकार का समर्थन करने को राजी नहीं हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के साथ हुई बैठक में सोनिया ने शिवसेना को सीधे समर्थन देने की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई। हालांकि राकांपा नेता शरद पवार के फैसले के साथ चलने की मंशा स्पष्ट कर यह भी साफ कर दिया है सोच बदल भी सकती है।

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महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं के साथ हाईकमान की हुई बैठक के बाद पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों ने कहा कि बेशक चुनाव के बाद सरकार के गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के झगड़े के हालातों पर व्यापक चर्चा हुई। इसमें पार्टी नेतृत्व की राय थी कि भाजपा और शिवसेना के बीच झगड़े की यह स्थिति कोई पहली बार नहीं है। ऐसे में भाजपा-शिवसेना के सत्ता के झगड़े में कांग्रेस किसी का मोहरा नहीं बनेगी। हालांकि इस दौरान सूबे के नेताओं ने हाईकमान से कहा कि शिवसेना व भाजपा के बीच खटास कहीं ज्यादा है और ऐसे में राजनीतिक उठापटक की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता।

सूत्रों के अनुसार प्रदेश नेताओं के इस तर्क पर कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था कि सूबे के राजनीतिक घटनाक्रम पर करीबी निगाह रखते हुए निरंतर समीक्षा जारी रहेगी। लेकिन महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं को इसका ध्यान भी रखना होगा कि शिवसेना को समर्थन देने के लिए कांग्रेस तैयार खड़ी है, यह संदेश नहीं जाना चाहिए। हाईकमान का यह भी कहना था कि कांग्रेस और शिवसेना की राजनीतिक विचाराधारा मेल नहीं खाती। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस नेताओं को बेहद सतर्कता से सूबे में भाजपा-शिवसेना के सत्ता के दांव-पेंच को समझना होगा।

समझा जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार के उस बयान से पूर्ण सहमति जताई कि कांग्रेस-एनसीपी को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। साथ ही उनका यह भी कहना था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस अकेले कोई राजनीतिक फैसला नहीं लेगी। सोनिया ने परोक्ष रुप से अपने नेताओं को यह भी संदेश दे दिया कि महाराष्ट्र के मौजूदा घटनाक्रम में शरद पवार जो सियासी कदम उठाएंगे कांग्रेस उनके साथ होगी।

हाईकमान से मुलाकात के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बाला साहब थोराट ने भी शिवसेना से दूरी बनाने के पार्टी के इरादे जाहिर किए। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने का जनादेश शिवसेना-भाजपा को मिला है और हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश। सोनिया गांधी के साथ हुई इस बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष थोराट, दो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान और पृथ्वी राज चौहान के अलावा माणिक राव ठाकरे व संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद थे।


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