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Maharashtra Politics: अजीत पवार बोले- मैं एनसीपी में हूं और एनसीपी में ही रहूंगा

अजीत पवार ने ट्वीट कर कहा कि मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में हूं और पार्टी प्रमुख शरद पवार ही हमारे नेता हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 05:51 PM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 08:22 PM (IST)
Maharashtra Politics: अजीत पवार बोले- मैं एनसीपी में हूं और एनसीपी में ही रहूंगा
Maharashtra Politics: अजीत पवार बोले- मैं एनसीपी में हूं और एनसीपी में ही रहूंगा

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में हैं और पार्टी प्रमुख शरद पवार ही हमारे नेता हैं।

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अजीत पवार ने ट्वीट किया, 'मैं एनसीपी में हूं, हमेशा एनसीपी में ही रहूंगा और शरद पवार साहब ही हमारे नेता हैं। हमारा भाजपा-एनसीपी का गठबंधन अगले पांच साल तक महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार प्रदान करेगा, जो राज्य और उसके लोगों के कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से काम करेगी।

उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा, 'चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सब ठीक है। हालांकि, थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है। आपके सभी के समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।'

इससे पहले अजीत पवार ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपने नाम के आगे उप मुख्यमंत्री जोड़ा। उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पीयूष गोयल, नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं को धन्यवाद कहा।

महाराष्ट्र में सरकार को लेकर लगभग एक महीने तक चलने वाली अनिश्चितता के बाद शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार शपथ ली, जबकि अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस घटनाक्रम के बाद एनसीपी ने अजीत पवार को अपने विधायक दल के नेता के रूप में हटा दिया है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि उनके भतीजे अजीत पवार का भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ था और जो भी विधायक उनके साथ गठबंधन करेगा, उसे दलबदल विरोधी कानून का सामना करना पड़ेगा।

इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उनके डिप्टी अजीत पवार और केंद्र को नोटिस जारी किया। 25 नवंबर को सुबह 10 बजे तक विधायकों से संबंधित दस्तावेजों और समर्थन के पत्र को सुप्रीम कोर्ट में सौंपना है।


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