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Maharashtra Political Crisis LIVE: संजय राउत का बड़ा बयान, दिसंबर के पहले सप्ताह में बन जाएगी सरकार

Maharashtra Political Crisis LIVE शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि दिसंबर से पहले महाराष्ट्र में लोकप्रिय और मजबूत सरकार बन जाएगी। प्रक्रिया जारी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 11:45 AM (IST)
Maharashtra Political Crisis LIVE:  संजय राउत का बड़ा बयान, दिसंबर के पहले सप्ताह में बन जाएगी सरकार
Maharashtra Political Crisis LIVE: संजय राउत का बड़ा बयान, दिसंबर के पहले सप्ताह में बन जाएगी सरकार

नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र में शिवसेना से गठबंधन कर सरकार बनाने की संभावना पर चर्चा के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी और शरद पवार की मीटिंग में महाराष्ट्र में ठोस फैसला लिए जाने के आसार हैं।

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वहीं आज कांग्रेस और राकांपा नेताओं की भी बैठक होनी है। इसमें कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खडगे, अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल के अलावा राज्य के कुछ वरिष्ठ पार्टी और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, अजीत पवार, जयंत पाटिल शामिल होंगे।

महाराष्ट्र में 5-6 दिन में बन जाएगी सरकारः राउत

इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत का बड़ा बयान आया है। राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी सरकार नहीं बना पा रही है तो किसी अन्य दलों की सरकार बनाने ती जिम्मेदारी बनती है। पीएम से पवार की प्रस्तावित मुलाकात लेकर को संजय राउत ने कहा कि पीएम से मिलने पर हर बार 'कोई खिचड़ी' नहीं पकती। महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर संजय राउत ने कहा कि सारी बाधाएं खत्म हो चुकी हैं, कल दोपहर तक सब कुछ साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले 5-6 दिन में सरकार बनाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। दिसंबर से पहले महाराष्ट्र में लोकप्रिय और मजबूत सरकार बन जाएगी। प्रक्रिया जारी है।

न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर होगी चर्चा 

इसके पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को खुद सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि यदि राकांपा और कांग्रेस को सरकार गठन पर कोई रख तय करना है तो पहले आपस में विचार-विमर्श करना होगा। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं- एके एंटोनी, अहमद पटेल, मल्लिकार्जन ख़़डगे तथा केसी वेणुगोपाल से महाराष्ट्र मामले में मंत्रणा की। बुधवार को कांग्रेस और राकांपा नेताओं की होने वाली बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर चर्चा होगी।

 मुख्यमंत्री पद पर अब राकांपा का भी दावा!

इन सब कवायद के बीच शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के संभावित गठबंधन की सरकार बनने की सूरत में एक नया फॉर्मूला भी सामने आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री पद पर राकांपा की भी दावेदारी है। ढाई-ढाई साल के लिए शिवसेना और राकांपा के मुख्यमंत्री बनाने की बात हो रही है। हालांकि इसके तहत ढाई साल का पहला टर्म शिवसेना को दिया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस को विधानसभा स्पीकर का पद मिलेगा और इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का नाम लिया जा रहा है। वहीं मंत्रिमंडल में तीनों दलों की बराबर भागीदारी होगी।

शिवसेना विधायकों, नेताओं की बैठक शुक्रवार को

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राकांपा और कांग्रेस के सतर्क रवैया अपनाने से बातचीत लंबी खींचने के बीच शिवसेना ने शुक्रवार, 22 नवंबर को अपने विधायकों तथा वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई है। शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि बैठक को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे संबोधित करेंगे। गैरभाजपाई तीन दलों की सरकार बनाने की कोशिशों के संदर्भ में अगली रणनीति पर भी चर्चा होगी।

मोदी ने पवार की प्रशंसा की तो इसमें गलत क्या है

राउत ने कहा कि सरकार गठन को लेकर शिवसेना में कोई शंका नहीं है। लेकिन इस मामले में मीडिया भ्रम फैला रहा है। पवार के बारे में शिवसेना नेता ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के किसानों की हालत पर राकांपा प्रमुख से सोमवार रात बात की थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवार की प्रशंसा की है तो इसमें गलत क्या है? पहले भी मोदी सार्वजनिक तौर पर मान चुके हैं कि पवार उनके राजनीतिक गुरु हैं। इसलिए इसमें कोई राजनीति न देखें।

भाजपा को कीमत चुकानी होगी

गठबंधन टूटने के लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि इससे भाजपा ने अपना सबसे पुराना और बड़ा सहयोगी खोया है। यह शिवसेना ही थी, जिसने महाराष्ट्र में भाजपा को बनाया और उसे सीटें देकर समायोजित किया। लेकिन अब भाजपा ने संसद में शिवसेना सदस्यों की सीटें बदल दी हैं। उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि शिवसेना तो भाजपा से गठबंधन को अनिच्छुक थी। यह सिर्फ इसलिए हुआ कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' पहुंचे और राज्य में साझेदारी की बात की।


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