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Maharashtra Political Crisis: शिवसेना में बगावत, एकनाथ शिंदे और उद्धव के बीच फोन पर हुई बात; सीएम के सामने रखी शर्त

Maharashtra में एक बार फिर राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे 35 विधायकों के साथ गुजरात में डेरा डाले हुए है। उन्होंने उद्धव ठाकरे के सामने सरकार बचाने के लिए कई शर्तें रखी है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 21 Jun 2022 02:46 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jun 2022 08:05 PM (IST)
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना में बगावत, एकनाथ शिंदे और उद्धव के बीच फोन पर हुई बात; सीएम के सामने रखी शर्त
Maharashtra Political Crisis: सीएम उद्धव ठाकरे व मंत्री एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी संकट शुरु हो गया है। इस बार उद्धव सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। सरकार के दिग्गज मंत्री एकनाथ शिंदे 35 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में एक होटल में पहुंच गए है।

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बताया जा रहा है शिंदे के साथ 3 मंत्री और हैं। शिंदे के साथ शिवसेना के अलावा कुछ निर्दल विधायक भी है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री शिंदे ने अपना मोबाइल तक बंद कर लिया। उनके मुख्यमंत्री तक बात नहीं कर पा रहे। शिंदे का अगला कदम क्या होगा? इससे पहले महाराष्ट्र से दिल्ली तक हलचल तेज हो गई है। 

बागी शिंदे क्या चाहते हैं, ये जानने के लिए उद्धव ने मिलिंद नार्वेकर को सूरत भेजा। करीब एक घंटे दोनों के बीच मुलाकात चली। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नार्वेकर ने फोन पर शिंदे और उद्धव की बातचीत भी कराई। लेकिन, करीब 20 मिनट चली इस बातचीत में भी बात बनी नहीं। बताया जा रहा है कि शिंदे भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाने की शर्त पर अड़े हुए है।

वहीं शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को अपने विधायक दल के नेता पद से हटाने का फैसला किया है, सेवरी विधायक अजय चौधरी शिवसेना विधायक दल के नए नेता बनाए गए।

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि हम बालासाहेब के कट्टर शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हमने बालासाहेब के विचारों और आनंद दीघे साहब की शिक्षाओं पर सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं दिया है और न ही कभी धोखा देंगे।

हालांकि, हमारे सहयोगी अंग्रेजी अखबार मिड डे के मुताबिक, शिंदे 3 विधायक जय राठोड, संजय बांगर और दादा भुसे कुल को अपना दूत बनाकर मातोश्री भेजेंगे। ये विधायक एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ भाजपा से मिलकर सरकार बनाने की मांग रख सकते हैं।

यह भी दावा किया जा रहा है कि यदि उद्धव ठाकरे शिंदे की बात नहीं मानते हैं तो वे दो-तिहाई विधायकों के साथ अलग दल बनाकर भाजपा को समर्थन दे सकते है।

मुंबई में उठे सियासी तूफान के बीच दिल्ली में हलचल तेज हो चली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई से दिल्ली रवाना हो गए हैं। इस बीच राकांपा चीफ शरद पवार सामने आए और उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है। महाराष्ट्र में सरकार गिराने की साजिश पहले भी 3 बार हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उद्धव के नेतृत्व में सरकार चलती रहेगी।

बता दें कि 31 महीने पहले महाराष्ट्र में जब उद्धव ठाकरे ने सरकार बनाई थी। तब शिवसेना-एनसीपी गठबंधन के पास 153 विधायक थे और भाजपा के पास 106 विधायक। विधानसभा 288 विधायकों की है। यानी सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए। 

शिवसेना में बगावत होती है तो क्या होगा?

शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ा चुनौती होगा। बगावत के लिए एकनाथ शिंदे को इन विधायकों की सदस्यता भी कायम रखनी होगी।

महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 35 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 20 विधायक है।

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