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लोकसभा में कोरोना महामारी पर महाभारत, विपक्ष बोला- फेल हुई सरकार की रणनीति

लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि महामारी को सामूहिक प्रयास के जरिये ही नियंत्रित किया जा सकता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 07:58 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 07:58 AM (IST)
लोकसभा में कोरोना महामारी पर महाभारत, विपक्ष बोला- फेल हुई सरकार की रणनीति
लोकसभा में कोरोना महामारी पर महाभारत, विपक्ष बोला- फेल हुई सरकार की रणनीति

नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना महामारी को लेकर रविवार को लोकसभा में बहस हुई। विपक्ष ने कोरोना से निपटने की मोदी सरकार की रणनीति को विफल बताया। वहीं, भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबको साथ लेकर और अच्छा काम किया।

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लोकसभा में कोरोना पर बहस शुरू होने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि महामारी को सामूहिक प्रयास के जरिये ही नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, कोरोना महामारी मानवता के समक्ष बड़ी चुनौती है। हम असाधारण मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। जब कभी भी देश के सामने कोई बड़ी चुनौती खड़ी हुई है, संसद ने राह दिखाने का काम किया है। विषम हालात में हो रहे संसद के इस सत्र से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। चर्चा और पारस्परिक सहयोग के जरिये ही हम कोरोना को काबू में करने में सक्षम होंगे।

इसके बाद चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार पर कोरोना महामारी से निपटने में घोर कुप्रबंधन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, देश ने पिछले कुछ महीनों के दौरान परिपक्व और सक्रिय शासन के बजाय सरकारी मशीनरी को ध्वस्त होते देखा है। अचानक लॉकडाउन लगाने से प्रवासी मजदूरों और गरीबों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अगर शुरुआत में ही श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों को उनके घर जाने दिया गया होता तो आज हालात ऐसे नहीं होते।

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के किरिट सोलंकी ने मोदी सरकार द्वारा घोषित कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि लॉकडाउन और उसके बाद गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देने के साथ ही नकदी के रूप में मदद दी गई। उन्होंने कहा कि किसानों, महिलाओं और बुजुर्गो समेत देश के 33 करोड़ लोगों के बैंक खातों में 31,235 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। बिना किसी के नाम लिए उन्होंने कहा कि एक नेता वायरस से निपटने के तरीकों को लेकर ट्वीट करते रहे, लेकिन इस मुद्दे पर बहस के लिए वो सदन में मौजूद नहीं हैं।

सरकार की सहयोगी जदयू के राजीव रंजन सिंह ने सकारात्मक सुझाव देने की जगह सरकार की आलोचना करने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री की जितनी आलोचना करेगा, उनकी लोकप्रियता उतनी ही बढ़ती जाएगी। जदयू नेता ने कहा कि समय पर लॉकडाउन के चलते ही देश में सामुदायिक संक्रमण नहीं हो पाया।

इससे पहले, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन ने बिना योजना के लॉकडाउन लगाने की आलोचना की और महामारी को भी सांप्रदायिक बना देने का आरोप लगाया। द्रमुक के दयानिधि मारन ने लॉकडाउन को अच्छा बताते हुए इस दौरान पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था नहीं कर पाने के लिए सरकार पर निशाना साधा। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी सरकार से राज्यों को जीएसटी बकाया का भुगतान करने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस की बीवी सत्यवती ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्यकर्मियों की कार्यो की सराहना की। शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के मसले को सही तरीके से हल नहीं कर पाई। वहीं, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सदन को बताया कि अर्धसैनिक बलों के कुल 32,238 जवान कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।


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