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मद्रास हाई कोर्ट ने हिंदू चरमपंथी बयान पर कमल हासन को लगाई फटकार

मद्रास कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि किसी हत्यारे को धर्म जाति या वर्ग से जोड़ना लोगों में नफरत के बीज बोने के समान है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:42 PM (IST)
मद्रास हाई कोर्ट ने हिंदू चरमपंथी बयान पर कमल हासन को लगाई फटकार
मद्रास हाई कोर्ट ने हिंदू चरमपंथी बयान पर कमल हासन को लगाई फटकार

मदुरै, पीटीआइ। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने सोमवार को अभिनेता से नेता बने कमल हासन को उनके हिंदू चरमपंथी वाले बयान पर फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि एक हत्यारे को धर्म, जाति या वर्ग से जोड़ना निश्चित रूप से लोगों के बीच नफरत के बीज बोना है।

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जस्टिस आर पुगलेंधी की एकल पीठ ने हासन को उनके विवादित बयान के मामले में दायर केस में अग्रिम जमानत भी दे दी। अदालत ने यह भी कहा कि घृणा फैलाने वाले भाषण सामान्य हो गए थे, जिसका खामियाजा निर्दोष जनता को भुगतना पड़ा।

कमल हासन ने दिया था विवादित बयान
मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने अरवाकुरिचि में पिछले रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आजाद भारत का पहला चरमपंथी एक हिंदू था, जिसका नाम नाथूराम गोडसे था और जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी। हासन के इसी बयान पर उनके खिलाफ अरवाकुरिचि में केस दर्ज कराया गया था। इसी मामले में गिरफ्तारी की आशंका में हासन ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।

इस मामले को उठाने के लिए हासन को दोषी बताते हुए जज ने कहा कि एक चिंगारी एक लैंप को जला सकती है तो एक जंगल को राख भी कर सकती है। जज ने अपने आदेश में कहा कि चुनावी सभाओं में आम लोगों के विकास के मुद्दों, उनकी समस्याओं के समाधान के उपायों पर बात होनी चाहिए, उनके बीच नफरत पैदा करने के लिए नहीं।

कोर्ट ने लगाई फटकार
जज ने इस बात पर खेद जताया कि याचिकाकर्ता अपने इस रुख पर कायम है कि उसने ऐतिहासिक तथ्य का हवाला दिया था। अदालत ने कहा कि अगर कोई मामला ऐतिहासिक भी है, लेकिन उसका उचित संदर्भ में इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो यह भी एक अपराध है।

गोडसे विरोधी बैठक के लिए याचिका
तमिलनाडु के एक दल ने नाथूराम गोडसे के खिलाफ एक बैठक आयोजित करने के लिए मद्रास हाई कोर्ट से अनुमति मांगी है। याचिका दायर करने वाले थंथई पेरियार द्रविड़ षड़गम (टीपीडीके) ने कहा है कि बैठक का मकसद लोगों को यह बताना है कि गोडसे एक 'हिंदू चरमपंथी' और महात्मा गांधी का हत्यारा था। टीपीडीके ने 26 मई को मायलापोर में यह बैठक करने के लिए अनुमति मांगी है।

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