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Right to Water: 'पानी का अधिकार' कानून बनाने वाला पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साइबेरिया यात्रा का अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां बड़े पैमाने पर खेती होती है लेकिन तालाबों और छोटी-छोटी जल संरचनाओं के माध्यम से सिंचाई होती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 11:25 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 11:25 PM (IST)
Right to Water: 'पानी का अधिकार' कानून बनाने वाला पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश
Right to Water: 'पानी का अधिकार' कानून बनाने वाला पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश

राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में पानी का अधिकार (राइट-टू-वाटर) कानून का मसौदा जल्द से जल्द तैयार कर इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। इस तरह पानी का अधिकार पर कानून लाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा। इसके तहत प्रदेश के जल स्रोत (नदी, तालाब व अन्य) पर अतिक्रमण अपराध होगा।

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पानी पर सबसे पहला अधिकार नागरिकों का है

मंगलवार को पानी का अधिकार कानून पर विशेषज्ञों की समिति की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस आशय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पानी पर सबसे पहला अधिकार नागरिकों का है, इसलिए समुदाय को पानी के प्रबंधन और उपयोग का अधिकार देना चाहिए। इसी सोच के साथ हम पानी का अधिकार कानून में अतिक्रमण को अपराध बनाने जा रहे हैं। बड़ी जल संरचनाओं की जगह छोटी जल संरचनाएं बनाना चाहिए।

साइबेरिया यात्रा का अनुभव

मुख्यमंत्री ने अपनी साइबेरिया यात्रा का अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां बड़े पैमाने पर खेती होती है, लेकिन उसकी सिंचाई के लिए कोई बांध नहीं बनाए गए हैं। वहां तालाबों और छोटी-छोटी जल संरचनाओं के माध्यम से सिंचाई होती है। हमें भी इसी तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे अनावश्यक विवादों से भी बचा जा सकता है।


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