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Madhya Pradesh : बैठकों का दौर लेकिन 100 घंटे बाद भी नहीं सुलझी विभागों के आवंटन की गुत्थी

मध्य प्रदेश के शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के लगभग 100 घंटे बाद भी विभागों के बंटवारे की गुत्थी नहीं सुलझ सकी है। जानें क्‍यों नहीं हो पा रहा आवंटन पर फैसला...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 11:56 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 04:31 AM (IST)
Madhya Pradesh : बैठकों का दौर लेकिन 100 घंटे बाद भी नहीं सुलझी विभागों के आवंटन की गुत्थी
Madhya Pradesh : बैठकों का दौर लेकिन 100 घंटे बाद भी नहीं सुलझी विभागों के आवंटन की गुत्थी

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के लगभग 100 घंटे बाद भी विभागों के बंटवारे की गुत्थी नहीं सुलझ सकी। विभाग आवंटन को लेकर फंसे पेंच को सुलझाने के लिए दिल्ली में दो दिन से मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। पहले वे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे से मिले और उसके बाद रात साढ़े आठ बजे से मध्‍य प्रदेश भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ लंबी बैठक की।

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मंगलवार को भोपाल लौटेंगे शिवराज

लगातार बैठकों की वजह से मुख्यमंत्री का भोपाल लौटने का कार्यक्रम भी दो बार बदला। अब वे मंगलवार को लौटेंगे। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार का मामला जिस तरह से केंद्रीय नेतृत्व के दखल के बाद सुलझा था, उसी तरह मंत्रियों के बीच विभाग के बंटवारे के मुद्दे को सुलझाने पर काम हो रहा है।

दिग्‍गजों के साथ बैठकों का दौर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच इस मामले में भोपाल में प्रारंभिक चर्चा हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री रविवार को दिल्ली पहुंचे और उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की। सोमवार को मुख्यमंत्री ने पार्टी उपाध्यक्ष प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे के साथ विचार-विमर्श किया। इसके बाद तोमर के साथ लंबी बैठक की।

बड़े विभागों को लेकर खींचतान

बताया जा रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कुछ मंत्रियों को बड़े विभाग देने को लेकर खींचतान है। मुख्यमंत्री वरिष्ठ मंत्रियों को उनके कद और अनुभव के हिसाब से विभाग देना चाहते हैं, जबकि सिंधिया समर्थक मंत्री वजनदार विभाग चाहते हैं। वे किसी भी सूरत में कमल नाथ सरकार में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के पास जो विभाग थे, उनसे कमतर पर सहमत नहीं हैं।

उपचुनाव बन रहा आधार

दरअसल, प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें 16 ग्वालियर-चंबल संभाग में हैं। यहां सिंधिया की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसी समीकरण को मद्देनजर रखते हुए मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों को स्थान दिया गया है। अब इसी आधार पर विभाग मांगे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि राजस्व, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, महिला एवं बाल विकास, नगरीय विकास या पंचायत एवं ग्रामीण विकास जैसे विभाग सिंधिया समर्थक मंत्री चाहते हैं। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों भी वरिष्ठता के हिसाब से विभाग चाहते हैं।

सब अच्छा हो रहा है : शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज की कोशिश यही है कि दोनों के बीच तालमेल बन जाए, ताकि आगे किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो। दिल्ली में मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकारी और संगठन का काम हो गया है। सब अच्छा हो रहा है। विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा।

सहस्रबुद्धे से सिंधिया ने की मुलाकात

उधर, विभागों के बंटवारे को लेकर दिल्ली में चल रहे बैठकों के सिलसिले के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई। इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सहस्रबुद्धे से मुलाकात की थी। 


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