Madhya Pradesh News: सीएम शिवराज ने की 'गो कैबिनेट' की पहली बैठक, गायों के संरक्षण के लिए काम करेगी राज्य सरकार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को भोपाल में गो कैबिनेट की पहली बैठक की। इससे पहले आज शिवराज चौहान ने भोपाल में अपने निवास पर गोपाष्टमी मनाई। इस अवसर पर उन्होंने गायों को हलवा-रोटी खिलाया।
भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को भोपाल में 'गो कैबिनेट' की पहली बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पशुओं से संबंधित विभागों के मंत्री और प्रमुख सचिव मिलकर गो रक्षा और संवर्धन के लिए काम करेंगे। इस मुद्दे को केवल पशुपालन विभाग द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।राज्य की शिवराज सरकार ने राज्य में गायों की सुरक्षा के लिए एक कैबिनेट का गठन है। शुक्रवार को, मध्य प्रदेश सरकार ने कहा था कि वह गायों के कल्याण के उद्देश्य के लिए अतिरिक्त धन जुटाने के लिए 'गो-सेवा उपकर' (Cow Cess) लगाने पर विचार कर रही है।
शिवराज चौहान ने कहा था कि सरकारी धन पैदा करने के अलावा उपकर गोरक्षा के काम में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा। बता दें कि राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कई उत्पादों पर इस तरह का उपकर लिया जाता है। गो-कैबिनेट बनाए जाने पर सीएम शिवराज ने कहा था कि अब प्रदेश में गो-पालन एवं गो-उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें जनता एवं समाजसेवी संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। मध्यप्रदेश के
शिवराज चौहान ने 'गोपाष्टमी' मनाई
इससे पहले आज, शिवराज चौहान ने भोपाल में अपने निवास पर 'गोपाष्टमी' मनाई। इस अवसर पर, उन्होंने गायों को 'हलवा-रोटी' खिलाया। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण के पिता, नंद महाराज ने इसी दिन भगवान कृष्ण और उनके भाई भगवान बलराम को वृंदावन की गायों की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी थी।
— ANI (@ANI) November 22, 2020
गोपाष्टमी पर शिवराज चौहान ने क्या कहा
इसे लेकर पत्रकारों से बात करते हुए शिवराज चौहान ने कहा कि गोपाष्टमी इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इसी दिन भगवान कृष्ण और भगवान बलराम ने गायों को जंगल में चराने के लिए ले गए थे। देश की स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में गायों की भूमिका हो सकती है। गाय का दूध कुपोषण का एक प्रमाणित औषधि है। इसलिए हम सभी गांवों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में गाय का दूध उपलब्ध कराने के लिए एक परियोजना शुरू करने जा रहे हैं। साथ ही, राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गोबर और गोमूत्र का उपयोग खाद और कीटनाशकों के रूप में किया जा सकता है।