कुपोषण के खिलाफ राज्य सरकार का जनांदोलन, 15 अगस्त तक कार्ययोजना तैयार
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से कोरोना काल में तीन से छह साल के बच्चों को रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार नियमित देने को कहा है।
भोपाल, जेएनएन। प्रदेश से कुपोषण का कलंक दूर करने के लिए राज्य सरकार जनांदोलन तैयार करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला व बाल विकास विभाग से 15 अगस्त तक इसकी कार्ययोजना तैयार कर सौ फीसद परिणाम लाने को कहा है। साथ ही पोषषण अभियान चलाने और इससे ग्रामीणों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
चौहान रविवार को कोविड अस्पताल से विभाग के कार्यो की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोई भी आंगनबाड़ी निजी भवन में संचालित न हो। सामुदायिक भवन या खाली सरकारी भवन में इनकी व्यवस्था करें। सरकार सभी केंद्रों के भवन की लक्ष्य लेकर चल रही है। उन्होंने कोरोना काल में अच्छा काम करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बधाई भी दी।
चौहान ने संक्रमण काल में तीन से छह साल के बच्चों को रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार नियमित देने को कहा। उन्होंने बताया कि लोकल फॉर वोकल के तहत 53 हजार 668 स्व-सहायता समूह पोषषण आहार दे रहे हैं। वहीं पात्र हितग्राहियों को 15 दिन के अंतराल से टेक होम राशन देने की पुख्ता व्यवस्था करने को कहा है। चौहान ने कहा कि इसमें कार्यकर्ता गंभीरता से अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
त्रि-स्तरीय रणनीति बनाएं
मुख्यमंत्री ने अपने काम पूरे करने के लिए विभाग को त्रि-स्तरीय रणनीति बनाने को कहा है। इसमें तत्कालीन, अल्पकालीन और दीर्घकालीन लक्ष्य तय किए जाएं। आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित पद्घति विकसित करने को कहा है। इसे सिंगल सिटीजन डाटाबेस से भी जोड़ा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए
- बच्चों का वजन लेकर उनके पोषण स्तर की निगरानी और टीकाकरण तय स्थानों पर छोटे-छोटे समूहों में करें।
- कार्यकर्ता लोगों के घर जाकर उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव का परामर्श दें।
- आंगनबाड़ी केंद्रों की कमियों को दूर कर उपयोगिता बढ़ाएं।
- केंद्रों में पानी के लिए हैंडपंप लगवाने या पाइप लाइन के माध्यम से पानी की संभावना का अध्ययन कर व्यवस्था करें।
- जिन केंद्रों में किचन शेड और शौचालय नहीं हैं, वहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत व्यवस्था करें।
- आंगनबाड़ी केंद्रों के बेहतर संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय रहे।
- नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र स्तर पर प्राइमरी पूर्व शिक्षा के लिए स्कूल शिक्षा विभाग से समन्वय करें।
- आंगनबाड़ी नियमित खुलें और खुलने या नहीं खुलने की जानकारी भी मिले।
- पोषषण अभियान से कलेक्टर और उनके टीम आवश्यक रूप से जु़ड़ें।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को समय पर मानदेय दें।