सीएम शिवराज सिंह चौहान का दावा, 51 फीसदी पहुंची मध्य प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 6371 है जबकि अब तक 32 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।
भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश 6 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस के मामलों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की सूची में छठे स्थान पर है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में जानलेवा महामरा से प्रभिवित रोगियों के ठीक होने की दर 51 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए राज्य में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है और बड़ी संख्या में फीवर क्लीनिक ने भी राज्य में काम करना शुरू कर दिया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना की स्थिति और अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए सीए ने कहा, 'कोरोना रिकवरी की दर 51 फीसदी तक पहुंच गई है। सभी कलेक्टरों को सुनिश्चित करना चाहिए कि लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जाए और अपने संबंधित जिलों में दिशा-निर्देशों के अनुसार ही छूट दी जाए।'
गेहूं खरीद पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गेहूं की खरीद 100 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य को पार कर गई है और यह अब तक 111 लाख 62 हजार मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। राज्य में 20 लाख पंजीकृत किसान हैं। अब तक 14 लाख 67 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचा है। गेहूं की खरीद के लिए बैग की व्यवस्था की जा रही है।
मध्य प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) स्वास्थ्य सुलेमान ने बताया कि राज्य के 1,496 फीवर क्लीनिकों में 27,484 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। इनमें से 24,505 को होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है। 6,415 लोगों के नमूने लिए गए हैं और इनमें से 2,824 लोगों को कोविड केयर सेंटर / अस्पतालों में भेजा गया है।
उन्होंने आगे बताया कि उज्जैन और नागदा क्षेत्र में पहले ही 6 लाख 34 हजार लोगों का स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया जा चुका है। उज्जैन के कलेक्टर को 10 और एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया गया है। एसीएस ने कहा कि कोरोना के मरीज जिनका स्वास्थ्य अच्छा है, उनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं और पिछले तीन दिनों से बुखार भी नहीं आया। ऐसे लोगों को 10 दिनों में छुट्टी दी जा सकती है। इसके बाद उन्हें सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।
प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि राज्य में ग्रीन जोन से ग्रीन जोन में जाने के लिए ई-पास प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है, लेकिन इंदौर, भोपाल और उज्जैन से जाने के लिए ई-पास की आवश्यकता होगी। इसी तरह, अन्य राज्यों में आवाजाही और मध्य प्रदेश में प्रवेश के लिए भी ई-पास की आवश्यकता होगी।
बता दें कि 122 ट्रेनों और हजारों बसों द्वारा कुल 5 लाख 14 हजार प्रवासी मजदूर पहले ही मध्य प्रदेश लौट चुके हैं। इसके अलावा, राज्य में 130 और ट्रेनें आने की उम्मीद है। अन्य राज्यों के लगभग 3 लाख 70 हजार मजदूरों को बसों द्वारा अन्य राज्यों की सीमाओं पर भेजा गया है।