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MP Politics: मध्य प्रदेश उपचुनाव की तारीख तय नहीं, लेकिन भाजपा ने फूंका चुनावी बिगुल

भाजपा ने संचालन समिति में ज्यादातर उन पूर्व मंत्रियों को शामिल किया है जिनके उपचुनाव में नाराज होने की आशंका ज्यादा थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 09:47 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 09:51 PM (IST)
MP Politics: मध्य प्रदेश उपचुनाव की तारीख तय नहीं, लेकिन भाजपा ने फूंका चुनावी बिगुल
MP Politics: मध्य प्रदेश उपचुनाव की तारीख तय नहीं, लेकिन भाजपा ने फूंका चुनावी बिगुल

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर उपचुनाव कब होंगे, इसकी तारीख को लेकर चुनाव आयोग ने अब तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिए हैं। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी की चुनावी तैयारी जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सांवेर (इंदौर) में तुलसी सिलावट के समर्थन में कार्यकर्ताओं की बैठक ले चुके हैं। उन्होंने सोमवार को रायसेन (सांची) में प्रभुराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र में जाकर उपचुनाव का बिगुल फूंक दिया। हालांकि, गोविंद सिंह राजपूत के सागर जिले के सुरखी में सीएम का दौरा आंधी-तूफान के कारण रद कर दिया गया। भाजपा की तैयारी को देखकर विपक्ष भी हैरान है। गौरतलब है कि उपचुनाव में भाजपा के सामने ही सबसे ज्यादा दुश्वारियां हैं।

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चंबल-ग्वालियर बना चुनौती

विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक बिसात बिछाई जाने लगी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद चंबल-ग्वालियर संभाग में दोबारा से अपना सियासी किला मजबूत करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है।  वहीं, भाजपा ने विधानसभा सीटों के प्रभारियों और उपचुनाव के लिए संचालन समिति और प्रबंध समिति का गठन कर बैठक भी कर ली है। भाजपा संगठन के लिए सिंधिया समर्थकों के साथ सामंजस्य बनाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। सिंधिया समर्थकों को जगह नहीं भाजपा की चुनाव संचालन समिति में सिंधिया को तो शामिल किया गया है, लेकिन उनके समर्थक नेताओं को जगह नहीं मिल सकी है, जबकि शिवराज सरकार की सत्ता में वापसी सिंधिया समर्थक विधायकों के चलते ही हुई है। इसके चलते सिंधिया समर्थक नाराज भी हैं।

संचालन समिति में शामिल कर साधने की कोशिश

भाजपा ने संचालन समिति में ज्यादातर उन पूर्व मंत्रियों को शामिल किया है, जिनके उपचुनाव में नाराज होने की आशंका ज्यादा थी। जयभान सिंह पवैया, गौरीशंकर शेजवार, माया सिंह, अनूप मिश्रा, रस्तम सिंह, दीपक जोशी, लाल सिंह आर्य और नारायण सिंह कुशवाहा के नाम इनमें शामिल हैं। इनमें ज्यादातर ग्वालियर-चंबल संभाग के वे नाम हैं, जिनके उपचुनाव में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर नाराज होने की संभावना थी। संचालन समिति में शामिल कर संगठन ने उन्हें साधने की कोशिश की है पर भाजपा के सामने उसके ही नेता रोज नई परेशानी खड़ी कर रहे हैं।

पूर्व विधायक घनश्याम पिरोनिया ने अब टिकट मांगकर संगठन के सामने सिरदर्द बढ़ा दिया है। सिंधिया पर सर्वाधिक भरोसा भाजपा को उपचुनाव में विजय हासिल करने में सर्वाधिक भरोसा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर है। सिंधिया के प्रभाव के कारण ही चंबल-ग्वालियर की अधिकांश सीटें कांग्रेस ने जीती थीं। अब वे भाजपा में हैं और उनके लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल भी है। ऐसे हालात में भाजपा के साथ सिंधिया भी उपचुनाव में पूरी ताकत झोकेंगे।

मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने बताया कि भाजपा उपचुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार है। हमारी संगठनात्मक तैयारियां लगातार जारी हैं। कार्यकर्ता चुनाव जीतने के लिए जुटा हुआ है। वर्चुअल बैठकें पिछले एक माह से हो रही हैं। विधानसभा के प्रमुख कार्यकर्ताओं से विचार--विमर्श भोपाल में भी हुआ है। मुद्दे और नेतृत्व की दृष्टि से भी भाजपा स्पष्टता के साथ आगे है। चुनाव आयोग जब चाहे तब चुनाव कराए, हम तैयार हैं।


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