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MP Political Crisis : भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत, दिग्विजय विधायकों पर डाल रहे दबाव

भाजपा का आरोप है कि राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए 16 विधायकों पर अपने पक्ष में वोट करने के लिए दबाव डालने गए हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 05:42 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 10:13 PM (IST)
MP Political Crisis : भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत, दिग्विजय विधायकों पर डाल रहे दबाव
MP Political Crisis : भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत, दिग्विजय विधायकों पर डाल रहे दबाव

भोपाल, स्टेट ब्यूरो। भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह बेंगलुर जाकर 16 बागी विधायकों पर अनुचित दबाव डाल रहे हैं और उन्हें प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस बारे में एक ज्ञापन प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपा है। ज्ञापन में चुनाव आयोग से भाजपा ने कहा कि मध्यप्रदेश से दिग्विजय सिंह, 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए 16 विधायकों को अपने पक्ष में वोट देने हेतु प्रभावित करने और दबाव डालने के लिए आठ कैबिनेट मंत्रियों और अन्य लोगों के साथ बेंगलुर गए। ये 16 विधायक इस समय बेंगलुर में डेरा डाले हुए हैं।

ज्ञापन में आगे कहा गया है कि दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा चुनाव में अपने पक्ष में मतदान करने के लिए दबाव बनाने के लिए सभी 16 विधायकों से मिलने की कोशिश की है, लेकिन उन्होंने उनसे मिलने से इन्कार कर दिया। विधायकों ने वीडियो जारी कर कहा कि वे दिग्विजय से मुलाकात नहीं करेंगे। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने मंत्रियों के साथ धरना दिया और स्थानीय प्रशासन के लिए कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश की।

भाजपा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार होने के नाते विधायकों पर दबाव बनाना और प्रभावित करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ज्ञापन में चुनाव आयोग से अनुरोध किया गया है कि सिंह और अन्य के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि राज्यसभा चुनाव शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक तरीके से कराए जा सकें।

गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किए जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। 14 मार्च, शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेषष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है।

विधायकों से जबरिया मिलने का प्रयास किये

कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय ने विधायकों से जबरिया मिलने का प्रयास किया है। विधायक दिग्विजय से नहीं मिलना चाहते हैं। वे ऐनकेन प्रकारेण विधायकों पर दबाव डालकर अपना हित साधना चाहते हैं जो कि आंचार संहिता का खुला उल्लंघन है। ये उनका गैरकानूनी अभ्यास था क्योंकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी है।

- रजनीश अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा मप्र


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