पीएम मोदी दुनिया की पहली ड्राइवरलेस सोलर बस में करेंगे सफर, जालंधर के छात्रों ने बनाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीरवार को जालंधर में विश्व की पहली ड्राइवरलेस सोलर बस में सफर करेंगे। यह बस जालंधर की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने तैयार की है।
जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए साल पर 3 जनवरी को एक अनाेखे बस की सवारी करेंगे। पीएम मोदी जालंधर में दुनिया की पहली ड्राइवरलेस सोलर बस से सफर करेंगे। वह यह सफर यहां लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में सफर करेंगे। यह बस एलपीयू के विद्यार्थियों ने तैयार की है। प्रधानमंत्री लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में अायोजित होनेवाली 106वीं साइंस कांग्रेस का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 106वीं साइंस कांग्रेस का उद्घाटन करने आएंगे जालंधर
बिना ड्राइवर के चलने वाली सोलर बस एक बार चार्ज करने पर 60 से 70 किलोमीटर तक चलेगी और मोबाइल से ऑपरेट होगी।खास बात यह है कि इस सोलर बस के पहले यात्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। साइंस व टेक्नोलॉजी को लेकर हमेशा देशवासियों को उत्साहित करने वाले मोदी के इस बस के सफर पर फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय से अभी तक मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन विद्यार्थियों को पूरा भरोसा है कि मोदी इस बस पर सवार होकर उनकी मेहनत को जरूर सफल बनाएंगे।
बस में पीएम कहां पर सवार होंगे, अभी इसका भी खुलासा नहीं हुआ है। भारत में इस प्रकार की बसें कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा विकसित की जा चुकी हैं, लेकिन भारत में तैयार हुई बिना चालक वाली बस पहली बार 3 जनवरी को पूरी दुनिया के सामने होगी। करीब छह लाख रुपये कीमत की इस बस को तैयार करने में एलपीयू के सीएसई व मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को दो साल लगे।
विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई सोलर बस।
30 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलने वाली इस बस में लगे आधुनिक सेंसर बस को दुर्घटनाग्रस्त नहीं होने देंगे। बस का निर्माण करने वाली टीम के लीडर व फैकल्टी हेड मनदीप सिंह ने बताया कि लेक्चरर राजवंश, योगेश कुमार, अनुकृति गुप्ता, जतिन दहिया व पवन कुमार सहित 15 विद्यार्थियों की कोर टीम ने इसे पूरी रिसर्च के बाद तैयार किया है। बस पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगी।
मोबाइल फोन से ऑपरेट हो सकेगी बस
बस में कई फीचर्स दिए गए हैं। बस को मोबाइल फोन से भी चलाया जा सकेगा। इसे मोबाइल फोन से रोका और मोड़ा जा सकेगा। यह बस आइपी एड्रेस की आधुनिक तकनीक के साथ कनेक्ट रहेगी। जीपीएस व ब्लूटूथ के साथ भी बस को कनेक्ट किया जा सकता है। रास्ते में कहीं कोई रुकावट या दुर्घटना होने जैसी बात दिखाई देगी तो बस में लगे सेंसर उसे दूसरी दिशा दे देंगे या फिर बस को पीछे कर देंगे।
देश को कुछ नया देने की कोशिश की है विद्यार्थियों ने : अशोक मित्तल
एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल का कहना है कि बस का निर्माण करके उनके युवा विद्यार्थियों ने देश को कुछ नया देने की कोशिश की है। बस में आगे और फीचर्स दिए जाएंगे, जिससे यह आम लोगों के लिए पूरी तरह से पर्यावरण फ्रेंडली बनकर प्रदूषण मुक्त भारत के निर्माण में सार्थक पहल साबित हो सके।
बस की खास बातें
ऊंचाई : आठ फीट
वजन : 1500 किलो
चौैड़ाई : 5 फीट
लंबाई : 12 फीट
बैठने की क्षमता : 12 सवारियां
लागत : छह लाख रुपये
स्पीड : 30 किमी प्रति घंटा
छह लाख रुपये की लागत वाली इस बस में सफर कर सकते हैं 30 लोग
बस की कीमत करीब छह लाख रुपये होगी। बस का इंजन पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलने वाला है। इस बस की अधिकतम रफ्तार 30 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसमें एक समय में 10 से 30 लोग बैठ सकते हैं। प्रदूषण रहित बस एक बार चार्ज होने के बाद 60 से 70 किलोमीटर तक चलेगी। इस बस की ब्लूटुथ और जीपीएस सिस्टम से भी निगरानी की जा सकेगी।
इन विद्यार्थियों ने तैयार की बस
अनंत कुमार : मैकेनिकल इंजीनियरिंग
जतिन दहिया : मैकेनिकल इंजीनियरिंग
पवन : कंप्यूटर इंजीनियरिंग
अनुकृति : कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
सुमन कुमार : इलेक्ट्रोनिक्स एवं कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
एम.लोकेश : इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
जी.विद्याधर : इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
वी.गेश्वंथ : इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग