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Parliament Session: जब संसद में नाराज हुए स्पीकर, कहा- मेरे स्टाफ को हाथ लगाया तो...

कर्नाटक के सियासी हालत पर कांग्रेस टीएमसी और डीएमके के सांसद वेल में आकर प्रदर्शन करने लगे। तभी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी भरे शब्दों में कहा कि मेरे स्टाफ को हाथ मत लगाना।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 07:27 AM (IST)
Parliament Session: जब संसद में नाराज हुए स्पीकर, कहा- मेरे स्टाफ को हाथ लगाया तो...
Parliament Session: जब संसद में नाराज हुए स्पीकर, कहा- मेरे स्टाफ को हाथ लगाया तो...

नई दिल्ली, एएनआइ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों को चेताया कि मेरे स्टाफ को हाथ मत लगाना। नारेबाजी करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा द्रमुक के सदस्य स्पीकर के सम्मुख उस स्थान तक आ गए थे जहां संसदीय कर्मचारी बैठते हैं। स्पीकर ने चेताया, मेरे स्टाफ को मत छूना।

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दरअसल स्पीकर ने कर्नाटक में जारी सियासी हालात पर चर्चा से मना कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल और द्रमुक सांसद प्रश्नकाल के दौरान वेल में प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे सांसदों से अपनी सीट पर जाने और प्रश्नकाल जारी रहने के लिए कहा, लेकिन इसके बावजूद विपक्षी सांसद विरोध पर अड़े रहे और हमें न्याय चाहिए, तानाशाही नहीं चलेगी- जैसे नारे लगाने लगे।

स्पीकर ने कहा कि सभी सदस्यों ने तय किया था कि सदन में राज्य के मुद्दे नहीं उठाए जा सकते। यह राज्य से जुड़ा मामला है और संवैधानिक पद से जुड़ा है, इसलिए सभी सदस्य सीट पर बैठ जाएं। स्पीकर के समझाने के बाद भी सांसदों ने विरोध जारी रखा तो उन्होंने नाराजगी व्यक्त की।

बंगाल की मार्केटिंग मत करिए
प्रेट्र के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ने तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपद्याय से कहा कि वह सदन में बंगाल सरकार की मार्केटिंग नहीं करें। तृणमूल नेता ने अपने राज्य की स्वास्थ्य नीति की तारीफ करते हुए कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने जो स्वास्थ्य नीति शुरू की है वह भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना से अच्छी है।

मना करने के बावजूद बोलते रहने पर स्पीकर को तब कहना पड़ा, 'आप पश्चिम बंगाल की मार्केटिंग मत करिए।' इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि बंगाल सरकार की तरह कुछ राज्यों ने अपने यहां अपनी स्वास्थ्य नीति लागू की है, लेकिन उनमें काफी खामियां हैं। उन्होंने आशा जताई कि दिल्ली, तेलंगाना और ओडिशा जो आयुष्मान भारत योजना से नहीं जुड़े हैं, शीघ्र इस योजना से जुड़ जाएंगे।


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