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सत्तापक्ष को हिदायत देते हुए बिरला ने कहा- सदन सिर्फ संख्याबल पर नहीं, बल्कि सहमति से चलता है

पहले ही संसद सत्र में अब तक लोकसभा में एक बार भी शोर शराबे के कारण कार्यवाही स्थगित नहीं हुई। अगर स्पीकर विपक्ष को मौका देते रहेंगे तो सदन सुचारू रूप से चलेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 11:04 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 11:04 PM (IST)
सत्तापक्ष को हिदायत देते हुए बिरला ने कहा- सदन सिर्फ संख्याबल पर नहीं, बल्कि सहमति से चलता है
सत्तापक्ष को हिदायत देते हुए बिरला ने कहा- सदन सिर्फ संख्याबल पर नहीं, बल्कि सहमति से चलता है

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों पर चल रही तनातनी और खींचतान के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दोनों पक्ष के हीरो बनकर उभरने लगे हैं। गुरुवार को ऐसे कई मौके आए जब विपक्ष की ओर से उनके लिए मेज थपथपाई गई और एक मौका तो ऐसा आया जब कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आशा जताई कि बिरला कामनवेल्थ देशों के बेस्ट स्पीकर बनकर उभरें।

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एक अवसर पर जब सत्तापक्ष और विपक्ष में दोषारोपण चल रहा था तो बिरला ने सत्तापक्ष को हिदायत दी कि सदन केवल संख्याबल पर नहीं बल्कि सहमति से चलेगा। इस पर विपक्ष में बैठे कई सदस्यों ने मेज थपथपाई।

गुरुवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए गए। एक विधेयक अप्रासंगिक हो चुके ब्रिटिश कालीन 58 कानूनों को निरस्त करने से संबंधित था, दूसरा अंतरराज्जीय नदी जल विवाद के निपटारे के लिए स्थायी न्यायाधिकरण की स्थापना से जुड़ा था जिसके जरिए देश के छह जल विवाद ट्रिब्यूनल को समाप्त कर एक ट्रिब्यूनल बनाने तथा दो साल के अंदर उसका समाधान करने से संबंधित था।

तीसरा विधेयक कंपनी कानून में संशोधन से जुड़ा था। इसके माध्यम से कंपनी अधिनियम 2013 में संशोधन के जरिए कुछ कंपनियों को भिन्न भिन्न वित्तीय वर्ष रखने देने का अधिकार दिया गया है। इसमें कंपनियों के रजिस्टर से कंपनी का नाम हटाने के लिये कार्रवाई आरंभ करने के लिये पंजीयक को सशक्त करने की भी बात है।

विपक्ष का आरोप था कि संसद के नियमों के अनुसार सरकार को विधेयकों की पहले जानकारी देनी चाहिए थी। ताकि विपक्ष उस पर अपना मत तैयार कर सके। लोकसभा अध्यक्ष ने तत्काल भरोसा दिया कि अगले सत्र से इस नियम का पालन होगा।

हालांकि तृणमूल सांसद संदीप बंदोपाध्याय ने चुटकी ली कि जिस तेजी से विधेयक पास कराए जा रहे हैं उसमे अगले सत्र के लिए विधेयक बचेंगे भी या नहीं। लेकिन अध्यक्ष ने सबको साध लिया।

अधीर रंजन ने कहा कि अगर अध्यक्ष विपक्ष को मौका देते रहेंगे तो सदन सुचारू रूप से चलेगा। ध्यान रहे कि पहले ही सत्र में अब तक लोकसभा में एक बार भी शोर शराबे के कारण कार्यवाही स्थगित नहीं हुआ है।

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