राष्ट्रीय संविधान की रक्षा करने का ओम बिड़ला ने लिया संकल्प, कहा- यह हम सबकी जिम्मेदारी
National Constitution Day लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि भीमराव अंबेडकर ने हमारे संविधान के निर्माण में एक आवश्य भूमिका निभाई। राष्ट्रीय संविधान दिवस पर हम इसकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। सारा देश आज संविधान दिवस मना रहा है। संविधान दिवस के इस खास मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला गुजरात के केवड़िया में हैं। यहां उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर ने हमारे संविधान के निर्माण में एक आवश्य भूमिका निभाई। राष्ट्रीय संविधान दिवस पर हम इसकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। यह संविधान की रक्षा के लिए निर्वाचित संस्थानों की जिम्मेदारी है और अपनी भावना रखते हुए प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए हमारा कर्तव्य है।
71वें संविधान दिवस पर आज उन्होंने कई सारे ट्वीट किए हैं। ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि भारत के उन महान मनीषियों को नमन जिन्होंने देश को संविधान के रूप में अतुल्य मार्गदर्शक प्रदान किया। संविधान में प्रदत्त मूल्य हमें देश की उन्नति व देशवासियों के कल्याण के लिए सतत प्रयत्नशील बने रहने की प्रेरणा देते हैं।
#ConstitutionAt71 दिवस पर भारत के उन महान मनीषियों को नमन जिन्होंने देश को संविधान के रूप में अतुल्य मार्गदर्शक प्रदान किया। संविधान में प्रदत्त मूल्य हमें देश की उन्नति व देशवासियों के कल्याण के लिए सतत प्रयत्नशील बने रहने की प्रेरणा देते हैं।#80AIPOC_Kevadia pic.twitter.com/7jQsvoGNcS— Om Birla (@ombirlakota) November 26, 2020
वहीं, एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें अनेक अधिकार प्रदान किए जो हमारे व्यक्तिगत व सामाजिक विकास का आधार बने। परंतु अब हमें उन कर्तव्यों के सम्यक निर्वहन के लिए संकल्पित होना है जिनकी कि हमसे अपेक्षा की गई है। भारत के नवनिर्माण में यही हमारा सर्वश्रेष्ठ योगदान रहेगा।
बता दें कि संविधान दिवस प्रत्येक वर्ष के 26 नवंबर को मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 को इसी दिन संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाया गया था। यह 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू हुआ जो भारतीय इतिहास में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। और इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
गौरतलब है कि संविधान दिवस पहली बार 2015 में भारत के पहले कानून मंत्री भीम राव अंबेडकर को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया गया था, जिन्होंने दस्तावेज के प्रारूपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत का संविधान दुनिया के सबसे लंबे लिखित संविधान में से एक प्रस्तावना का गठन 225 लेखों के साथ 22 भाग और आठ अनुसूचियां हैं।