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समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की कोई योजना नहीं : मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने कहा कि राजनीतिक दलों के लिए अपनी हार का ठीकरा इवीएम पर फोड़ना बहाना बन गया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 09:53 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 10:04 AM (IST)
समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की कोई योजना नहीं : मुख्य चुनाव आयुक्त
समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की कोई योजना नहीं : मुख्य चुनाव आयुक्त

कोलकाता (ब्यूरो)। मौजूदा राजनीतिक स्थिति में लोकसभा चुनाव समय से पहले कराने की संभावनाओं को खारिज करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। चुनाव निर्धारित समय पर ही होगा। कानून के तहत, किसी भी सदन की मियाद खत्म होने से छह माह पूर्व तक ही चुनाव आयोग अधिसूचना जारी कर सकता है। रावत ने शनिवार को मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआइ) द्वारा आयोजित परिचर्चा सत्र में ये बातें कहीं।

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लोकसभा चुनाव समय से पूर्व कराने के सवाल पर रावत ने कहा कि ऐसा कोई सुझाव नहीं मिला है। चुनाव आयोग को चुनाव का कार्यक्रम तय करने का अधिकार है। आयोग कानून के तहत सदन की मियाद खत्म होने के छह माह के अंदर कभी भी अधिसूचना जारी करने और चुनाव की घोषणा करने के लिए स्वतंत्र है। लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव विधि आयोग के पास लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के सवाल पर रावत ने कहा कि इस संबंध में आयोग ने 2015 में सरकार को सुझाव दिए थे। इसके लिए कानून में बदलाव की आवश्यकता है। ढांचागत सुविधा विकसित करने की भी जरूरत पड़ेगी। इस बारे में सभी सुझाव सरकार को दिए गए थे। यह प्रस्ताव विधि आयोग के पास है। इससे अधिक जानकारी आयोग के पास नहीं है।

इलेक्टोरल बांड के प्रभाव का आकलन करेगा आयोग

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पूरी चुनाव प्रक्रिया को भ्रष्टाचार मुक्त रखने और धन-बल का इस्तेमाल रोकने के लिए आयोग कारगर उपाय कर रहा है। चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों द्वारा धन जुटाने के लिए इलेक्टोरल बांड जारी करने के सरकार के फैसले पर भी विचार कर रहा है। संबंधित पहलुओं पर विचार करने और तथ्यों का आकलन करने के बाद आयोग इसे सार्वजनिक करेगा और सरकार को भी अवगत कराएगा। रावत ने कहा कि बांड के भारतीय राजनीति पर बुरा असर नहीं पड़ने का आश्वासन दिया गया है, इसलिए आयोग इस बारे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इसके प्रभावों को देखते हुए संबंधित सभी पहलुओं पर गौर करेगा। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान अकेले तमिलनाडु से 700 करोड़ रुपये नकदी बरामद की गई थी। कर्नाटक चुनाव में 180 करोड़ रुपये जब्त किए गए।

एक हजार राजनीतिक पार्टियां होंगी सूची से बाहर

रावत ने कहा कि 30 हजार से अधिक पंजीकृत राजनीतिक पार्टियां हैं। आयोग इसमें से करीब एक हजार निष्क्रिय राजनीतिक पार्टियों को सूची से बाहर करेगा।

बैलेट पेपर नहीं, इवीएम से ही होंगे चुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों के लिए अपनी हार का ठीकरा इवीएम पर फोड़ना बहाना बन गया है। फिर से मतपत्र से चुनाव कराने के सवाल पर रावत ने कहा कि वीवीपैट युक्त इवीएम से ही चुनाव होंगे। मतपत्र की ओर लौटने का सवाल ही नहीं उठता है। रावत ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी गड़बड़ियों और गलत तौर-तरीकों को आयोग के मोबाइल एप के जरिए उजागर करने वालों की पहचान को गुप्त रखा जाएगा। आयोग द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किए गए मोबाइल एप के जरिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान गड़बड़ियों की 780 शिकायतें मिली थीं। अब भविष्य में प्रत्येक चुनाव में इसे अनिवार्य रूप से जारी रखा जाएगा।


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