Move to Jagran APP

रमजान पर सियासी घमासान: चुनाव आयोग का जवाब- शुक्रवार और त्योहार के दिन वोटिंग नहीं है

विपक्ष के पास मोदी हटाओ का एजेंडा तो है लेकिन लग रहा है कि उन्हें हटाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 03:11 PM (IST)
रमजान पर सियासी घमासान: चुनाव आयोग का जवाब- शुक्रवार और त्योहार के दिन वोटिंग नहीं है
रमजान पर सियासी घमासान: चुनाव आयोग का जवाब- शुक्रवार और त्योहार के दिन वोटिंग नहीं है

नई दिल्ली, जेएनएन। रमजान के दौरान मतदान को लेकर सियासी घमासान के बीच चुनाव आयोग ने साफ किया है कि शुक्रवार और त्योहार के दिन वोटिंग नहीं है। बता दें कि रविवार को लोकसभा चुनावों का पूरा कार्यक्रम घोषित हुआ है। इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में मतदान की तारीखों को लेकर विवाद बढ़ गया है। मुस्लिम नेताओं ने चुनाव की तारीखें रमजान के महीने में रखने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि रोजेदारों को मतदान के लिए जाने में परेशानी होगी। 

गौरतलब है कि एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा जोर-शोर से सत्ता वापसी का दावा ठोंक रहे हैं तो दूसरी ओर दिशाविहीन सा नजर आ रहा विपक्ष है। विपक्ष के पास मोदी हटाओ का एजेंडा तो है लेकिन लग रहा है कि उन्हें हटाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। तभी ऐसा लग रहा है कि विपक्ष के नेता चुनाव की घोषणाओं की तारीखों में त्योहार और रमजान का नाम लेकर हार का ठीकरा फोड़ने के बहाने ढूंढ रहे हैं।  हालांकि, ये पहली बार नहीं है कि चुनावों के बीच रमजान या कोई त्योहार आ रहा हो। लेकिन लग रहा है कि विपक्ष को इस बार का रमजान कुछ ज्यादा ही याद आ रहा है।

loksabha election banner

गौर हो कि कैराना (यूपी) में हुए उपचुनाव भी रमजान के महीने में हुए थे और इसका परिणाम भी उसी विपक्ष के पक्ष में था, जो आज रमजान को मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटा है। फिलहाल, हालांकि, कुछ मुस्लिम नेता ये भी कह रहे हैं कि वे रमजान में रोजा भी रखेंगे और वोट भी डालेंगे। 

जानिए किसने क्या कहा?
पश्चिम बंगाल के नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा है कि राज्य में सात चरणों में मतदान लंबी चुनावी प्रक्रिया है। गर्मी और रमजान के महीने में लंबी चुनावी प्रक्रिया से आम जनता को तकलीफ होगी। हालांकि तृणमूल कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। तृणमूल कांग्रेस हर स्थिति में प्रतिद्वंद्विता करने को तैयार है। उन्होंने आगे कहा, 'मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य की जनता की आस्था है। भाजपा से मुकाबला के लिए मुख्यमंत्री तैयार हैं। राज्य की जनता फिर ममता को भारी मतों से जिताएगी। भाजपा जितनी भी कोशिश कर ले बंगाल में उसकी दाल नहीं गलेगी।'

उधर, यूपी में इस्लामिक स्कालर, लखनऊ ईदगाह के इमाम व शहरकाजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने 6 मई से 19 मई के बीच होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि पांच मई को मुसलमानों के सबसे पवित्र महीने माहे रमजान का चांद देखा जाएगा। मौलाना ने कहा कि अगर चांद दिख जाता है तो 6 मई से रोजा शुरू हो जाएगा। रोजा के दौरान देश में 6 मई, 12 मई व 19 मई को मतदान होगा। जिससे देश के करोड़ों रोजेदारों को परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को देश के मुसलमानों का ख्याल रखते हुए चुनाव कार्यक्रम तय करना चाहिए था। 


ओवैसी ने कहा- रमजान का बहाना ठीक नहीं
वहीं, तेलंगाना से सांसद और AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने रमज़ान के मौके पर होने वाले चुनाव के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ''इस मामले को लेकर विवाद नहीं होना चाहिए। क्या रमज़ान के महीने में मुसलमान काम नहीं करते हैं ? मज़दूरी नहीं करते हैं।  रमज़ान के महीने में क्यूंकि दिन में खाना नहीं बनता है। इसलिए रमज़ान के दिन  मतदान के लिए महिलायें भी जा सकेंगी। रमज़ान के दौरान खूब वोटिंग होगी।'

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, 'चुनाव आयोग मतदान में हिस्सा लेने की अपील के नाम पर करोड़ों ख़र्च कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ़ 3 फ़ेज़ का चुनाव पवित्र रमज़ान के महीने में रख कर मुस्लिम मतदाताओं की भागीदारी कम करने की योजना बना दी है सभी धर्मों के त्योहारों का ध्यान रखो।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.