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संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित, अटल बिहारी वाजपेयी और अनंत कुमार को दी गई श्रद्धांजलि

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। लोकसभा में पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी, अनंत कुमार और पूर्व लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी को श्रद्धांजलि दी गई।

By Arti YadavEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 12:29 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 12:38 PM (IST)
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित, अटल बिहारी वाजपेयी और अनंत कुमार को दी गई श्रद्धांजलि
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित, अटल बिहारी वाजपेयी और अनंत कुमार को दी गई श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, जेएनएन। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, अनंत कुमार और पूर्व लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी को श्रद्धांजलि दी गई। सदन के शुरुआत में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने अटल बिहारी वाजपेयी, सोमनाथ चटर्जी, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, सांसद भोला सिंह, एम आई शानवास और मोहम्मद असरुल हक के लिए शोक संदेश पढ़ा। श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही को आज के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हुआ और 8 जनवरी को समाप्त होगा।

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बता दें कि शीतकालीन सत्र के दौरान करीब 45 बिल पास होने हैं। सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक हुई थी और इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई मंत्री शामिल हुए थे। सर्वदलीय मीटिंग के बाद संसदीय कार्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बात की जानकारी दी कि सत्र के दौरान 45 बिल पास होंगे और एक वित्‍तीय टीम भी सत्र का हिस्‍सा रहेगी।

वाद-विवाद के बीच संसद में संवाद भी होना चाहिए- पीएम मोदी

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा कि सदन में वाद हो, विवाद हो लेकिन संवाद तो होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सत्र महत्वपूर्ण है, सरकार की तरफ से कई महत्वपूर्ण विषय, जो जनहित के हैं, देशहित के हैं और सभी का यह प्रयास रहे, जितना अधिकतम काम हम जनहित का कर पाए, लोकहित का कर पाए, देशहित का कर पाए।

मुझे विश्वास है कि सदन के सभी सदस्य इस भावना का आदर करते हुए आगे बढ़ेंगे। हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि सभी विषयों पर चर्चा हो, खुलकर के चर्चा हो, तेज तर्रार चर्चा हो, तीखी-तमतमती चर्चा हो, लेकिन चर्चा हो। वाद हो, विवाद हो, संवाद तो होना ही चाहिए। इसलिए हमारी गुजारिश है कि चर्चा हो, यह सदन निर्धारित समय से भी अधिक समय तक काम करे।

सारे महत्वपूर्ण विषयों को नतीजे तक पहुंचाएं, चर्चा करके उसे और अधिक सार्थक और मजबूत करने का प्रयास हो। मुझे विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल जो मई महीने पर कसौटी पर कसने वाले हैं, वह जरूर जनता-जनार्दन का ध्यान रखकर के इस सत्र का सर्वाधिक प्रयोग जनहित के लिए करेंगे दलहित के लिए नहीं करेंगे।


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