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Ram Mandir Bhumi Pujan : पीएम मोदी ने अयोध्या में रखी श्रीराम मंदिर की आधारशिला, दीप जला लोगों ने मनाया उत्सव

Ram Mandir Bhumi Pujan प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही आधार शिला भी रखी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 12:03 PM (IST)
Ram Mandir Bhumi Pujan : पीएम मोदी ने अयोध्या में रखी श्रीराम मंदिर की आधारशिला, दीप जला लोगों ने मनाया उत्सव
Ram Mandir Bhumi Pujan : पीएम मोदी ने अयोध्या में रखी श्रीराम मंदिर की आधारशिला, दीप जला लोगों ने मनाया उत्सव

लखनऊ, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में यह रामकथा का नया अध्याय है, 492 वर्ष तक चली संघर्ष-कथा का अपना 'उत्तरकांड' है। अपनी माटी, अपने ही आंगन में ठीहा पाने को रामलला पांच सदी तक प्रतीक्षा करते रहे तो रामभक्तों की 'अग्निपरीक्षा' भी अब पूरी हुई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही आधार शिला भी रखी। इससे पहले उन्होंने अयोध्या हनुमानगढ़ी मंदिर में प्रभु राम के भक्त हनुमान दर्शन भी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राम सभी के हैं। वह सभी का मन में बसते हैं। भूमि पूजन के बाद रामनगरी समेत पूरे प्रदेश दीपोत्सव मनाया जा रहा है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आतिशबाजी की तो वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अयोध्या में सरयू तट आरती में शामिल हुए।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर दीप जलाए और आतिशबाजी की। इससे पहले उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास समारोह में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दैवतानि च सर्वाणि चैत्यानि नगरस्य च। सुगन्धमाल्यैर्वादित्रैरर्चन्तु शुचयो नराः। समस्त ब्रह्मांड आज आह्लादित है। चहुंओर एक संतुष्टि का भाव है। दीपमालिकाओं से दसों दिशाएं जगमग हैं। भारतवर्ष के साथ-साथ विश्व के अनेक देशों में राम भक्त प्रफुल्लित हैं-मगन हैं। सब कुछ 'राममय' है।

-श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन में शामिल होने के बाद शाम को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सरयू नदी के तट पर 'आरती' की।

-उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण हेतु किए गए भूमि पूजन एवं कार्यारम्भ के पावन एवं ऐतिहासिक अवसर पर राजभवन में दीप प्रज्ज्वलित किया।

- करीब एक घंटे चले संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का चरण छूकर आशीर्वाद लिया।

देश की स्वतंत्रता जैसी रामजन्मभूमि की मुक्ति : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह राम के रंग में नजर आए। राममंदिर के भूमिपूजन की तिथि को उन्होंने स्वतंत्रता दिवस जैसा बताया। कहा कि अस्तित्व मिटाने का बहुत प्रयास हुआ लेकिन जैसे देश की स्वतंत्रता के लिए पीढ़ियों से अपना सबकुछ समर्पित किया, वैसे ही कई सदियों और पीढ़ियों ने राममंदिर के लिए प्रयास किया और रामजन्मभूमि मुक्त हुई। यह दिन सत्य, अहिंसा और न्यायप्रिय भारत की अनुपम भेंट है। यह मंदिर तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक बनेगा। शाश्वत मंदिर आस्था और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। कोई काम करना हो तो हम भगवान राम की ओर देखते हैं। भगवान राम की देखते हैं। राम हमारे मन में बसे हैं। राम संस्कृति के आधार हैं। उन्होंने आंदोलन में बलिदान हुए लोगों को भी नमन किया। 

भय बिनु होई न प्रीति : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन और शोध का विषय भी है। उन्होंने कहा कि जब भी हम कोई काम आरंभ करते हैं, तो राम की ओर देखते हैं। राम समय और परिस्थिति के अनुसार कहते हैं। सोचते हैं। करते हैं। भगवान राम ने हमें कर्तव्य पालन की सीख दी है। अपने कर्तव्यों का पालन कैसे करें यह भी सीख दी है। उन्होंने कहा कि श्रीराम जैसा नीतिवान शासक कभी नहीं हुआ। मानस की चौपाइयों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राम शरण में आने वालों की रक्षा करते हैं। भगवान राम ने कहा है कि भय बिनु होई न प्रीति। इसलिए जब देश ताकतवर होगा तब शांति भी स्थापित होगी। राम की यह नीति सदियों से भारत का मार्गदर्शन करती रही है।

दो गज की दूरी और मास्क पहनने का आह्वान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम की मर्यादा को मौजूदा परिस्थितियों के सर्वाधिक आवश्यक बताया और मर्यादा के पालन को दो गज की दूरी और मास्क पहनने का आह्वान भी किया। उन्होंने मंदिर को विकास का पर्याय भी बताया। कहा, जहां-जहां भगवान राम के चरण पड़े, वहां-वहां राम सर्किट बनाया जा रहा है। मंदिर बनने यहां का अर्थतंत्र भी बदल जाएगा। पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे। यह मंदिर संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह राष्ट्र को जोड़ने का अवसर है। नर को नारायण और वर्तमान को अतीत से व स्वयं को संस्कार जोड़ने का अवसर है। इससे पूर्व उन्होंने हनुमानगढ़ी जाकर बजरंगबली का दर्शन पूजन और मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत दिग्गज संत व अतिथिगण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने किया।

श्रीराम जन्मभूमि पूजन के दौरान जो डाक टिकट जारी : प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पूजन के दौरान जो डाक टिकट जारी किया है, उसकी कीमत पांच रुपये है। फिलहाल पांच लाख डाक टिकट छापे जाएंगें। ये डाक टिकट यूपी सरकार द्वारा तैयार कराए गए हैं। पूर्व में भी प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान राम पर 11 डाक टिकट जारी किये थे। इस तरह से देश में श्रीराम पर कुल 12 प्रचलित डाक टिकट मौजूद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर राम मंदिर निर्माण के लिए अधारशिला की पट्टिका का भी अनावरण किया।

भाक्तों की भावनाओं का आज श्रीगणेश : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि करोड़ों-करोड़ों की इच्छा है कि रामलला का विराट मंदिर बने, जिसका शुभारंभ आज हो गया है। भाक्तों की भावनाओं का आज श्रीगणेश हो गया है। अब विलंभ नहीं होना चाहिए। एक ओर मोदी एक ओर योगी खड़े हैं। यह बड़ा सुहावना समय है और करोड़ों करोड़ों हिंदू राम भक्तों की अभिलाषा इच्छा है शीघ्र अति शीघ्र जहां रामलला विराजमान हैं वहां दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए। इसलिए तन मन धन अर्पण करने के लिए सभी तैयार हैं। मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाए मंदिर का निर्माण होगा समस्त भक्तों की कामनाओं की पूर्ति होगी।

आज एक नए भारत की नई शुरुआत : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरा देश आनंद से भर गया है। आज हमारा संकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने इस दौरान राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले संघ के लोगों को याद किया और उनके योगदान को सराहा। इस मौके पर मोहन भागवत ने भारत की प्राचीन परंपरा 'वसुधैव कुटुम्बकम' का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा देश 'वसुधैव कुटुम्बकम' में विश्वास करता है यानि हमारे लिए विश्व एक परिवार है। हम सभी को साथ लेकर चलने में यकीन करते हैं। भागवत ने कहा कि आज एक नए भारत की नई शुरुआत है।

अवधपुरी को वैभवशाली नगरी बनाने के लिए प्रतिबद्ध : राममंदिर के भूमि पूजन के लिए यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सप्तपुरियों में शामिल अवधपुरी को समृद्धशाली एवं वैभवशाली नगरी बनाने की वचनबद्धता दोहराई। इस अवसर को मंगल उत्साह का दिन बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल मंदिर निर्माण का ही नहीं बल्कि भारत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर है। उन्होंने कहा, स्वदेश दर्शन के तहत सरयू नदी के घाटों का निर्माण कराया जा रहा है। रामकथा की श्रृंखला चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन वर्ष पहले दीपोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर राममंदिर निर्माण का जो सपना देखा था, वह अब भव्य एवं दिव्य मंदिर के रूप में सिद्ध हो रहा है। राममंदिर निर्माण के लिए पांच सौ वर्षाें तक चले संघर्ष की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में न्यायपालिका एवं कार्यपालिका की ताकत से लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण ढंग से समस्या का समाधान हो गया। 

अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन अनुष्ठान : अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन अनुष्ठान संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इस ऐतिहासिक क्षण के सभी सक्षी बने। इस दौरान राज्यपाल, मुख्यमंत्री और संघ प्रमुख भी रहे शामिल। कांची के शंकराचार्य की ओर से भेजी गई नवरत्न जड़ित सामग्रियों को पूजन में समर्पित किया गया। अयोध्या वासियों ने राम मंदिर के लिए भूमि भूमि पूजन पर पटाखे फोड़ कर अपनी खुशी का इजहार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या की माटी को अपने माथे पर लगाया और प्रणाम किया। इससे पहले प्रधान शिला के पूजन के पश्चात अष्ट उप शिला का पूजन किया गया। इसके पश्चात प्रभु श्रीराम की कुलदेवी के पूजन के साथ ही सभी देवियों का पूजन किया गया। बाबा भैरवनाथ का स्मरण कर भूमि पूजन की ली गई अनुमति। इसी के साथ नौ शिलाओं का पूजन प्रारंभ हुआ।यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को संकल्प दिलाया गया।

पीएम ने भूमि पूजन कर नौ शिलाओं को नींव में किया प्रतिष्ठि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण के लिए बहुप्रतीक्षित भूमि पूजन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शुभ घड़ी में किया। उन्होंने पूर्व में पूजित नौ शिलाओं को स्पर्श कर गर्भगृह स्थल पर प्रतिष्ठित किया। इसमें शिलाओं के साथ ही चांदी के नाग-नागिन तथा कछुए को भी नींव में रखा गया। इसके बाद उन्होंने रामजन्म स्थान की पवित्र भूमि की मिट्टी को माथे पर लगाया। कार्यक्रम कुल तकरीबन 25 मिनट पर चला। इसमें देश की पवित्र नदियों का जल व मिट्टी का इस्तेमाल भी किया गया। पीएम ने शुरू में गणेश पूजन, वास्तु पूजन, नौ ग्रह पूजन मंत्रोच्चार के बीच किया। 

पीएम ने पारिजात का पौधा रोपा : रामजन्मभूमि परिसर पहुंचे प्रधानमंत्री ने रामलला का दर्शन करने के बाद देवदुर्लभ प्रजाति का पारिजात पौध रोपित कर स्वस्थ पर्यावरण का संदेश दिया। उन्होंने बाकायदा रोपित पौधे को पवित्र नदियों के जल से सींचा।

वैदिक मंत्रों के बीच प्रधानमंत्री ने रामलला का किया दर्शन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या हनुमानगढ़ी मंदिर में प्रभु राम के भक्त हनुमान के पूजन और दर्शन के बाद रामलला की दर्शन किया। वैदिक मंत्रों के बीच प्रधानमंत्री ने रामलला के श्री चरणों में पुष्प अर्पित किया माल्यार्पण किया। शंख ध्वनि से संपूर्ण परिसर गुंजायमान हो उठा। 

बजरंगबली को माथा टेक पीएम ने मांगी रामकाज की अनुमति : राममंदिर भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को निर्धारित समय पर अयोध्या पहुंचे। वे भूमिपूजन से पहले हनुमानगढ़ी में पहुंचे और अयोध्या के कोतवाल कहे जाने वाले हनुमानजी काे माथा टेक कर रामकाज की अनुमति मांगी। यहां गद्दीनशीन महंत प्रेमदास ने प्रधानमंत्री को सुनहरा चांदी का मुकुट पहनाकर व रामनामी पट्टिका भेंटकर स्वागत किया। अपने निर्धारित समय 11 बजकर 40 मिनट पर प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हनुमानगढ़ी पहुंचे। वे पीछे के रास्ते से हनुमानजी के दरबार में हाजिर हुए। सबसे पहले मंदिर परिसर में हाथ धुलने के बाद बजरंगली का दर्शन कर मत्था टेका। इसके बाद बजंगबली की आरती उतारी। परिक्रमा करने के बाद उनका गद्दीनशीन महंत ने सम्मानित किया। इसके बाद वे हनुमानगढ़ी की 76 सीढ़ियां तय कर बाहर आए। उन्होंने वापस होते समय मंदिर में मौजूद साधु-संतों को हाथ जोड़कर प्रणाम किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम नगरी में किया स्वागत : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए साकेत महाविद्यालय में बने हेलीपैड पर 11 बजकर 30 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर लैंड हुआ, जहां पर मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में स्वागत किया गया। अतिथियों ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए बनाए गए शारीरिक दूरी के लिए गोले में खड़े होकर स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने हेलीकॉप्टर से बाहर निकलते ही मास्क पहनकर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सजग रहने का संदेश दिया। इसके बाद काफिला हनुमानगढ़ी के लिए निकला तो जय श्रीराम के उद्घोष गूंजने लगा। 

पीएम ने हाथ जोड़कर कहा धन्यवाद : रामनगरी जाने के लिए प्रधानमंत्री बुधवार सुबह जब लक्ष्मणनगरी पहुंचे तो यहां पर भी भावनाओं का जोश कुछ कम नहीं था। सदियों की मनोकामना पूरी होती देख नवाबों के शहर में हर तरफ जश्न का माहौल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या जाने के लिए बुधवार सुबह साढ़े दस बजे विशेष विमान से चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से वह वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के बेड़े के साथ रवाना हो गए। सुबह प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए मुख्य सचिव आरके तिवारी, पुलिस महानिदेशक एचके अवस्थी, मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम, पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय और डीएम अभिषेक प्रकाश भी पहुंचे थे। इनके अलावा महापौर संयुक्ता भाटिया ने भी प्रधानमंत्री का स्वागत किया। भाजपा प्रवक्ता विजय पाठक और विधायक सुरेश तिवारी भी पीएम की अगवानी के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे। कोविड प्रोटोकॉल के चलते पीएम ने शारीरिक दूरी का पालन करते हए सबको धन्यवाद दिया। 

-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में भूमि पूजन पंडाल में पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। सीएम योगी जिलाधिकारी अनुज झा के साथ सभी स्थलों का निरीक्षण किया और फिर पीएम मोदी की अगवानी के लिए हैलीपैड रवाना हो गए।

-राम मंदिर भूमि पूजन में अब शामिल होंगी उमा भारती। ट्वीट कर दी जानकारी। उन्होंने कहा, 'मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की मर्यादा से बंधी हूं। मुझे रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ अधिकारी ने शिलान्यास स्थली पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इसलिये मैं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहूंगी।

-पारंपरिक हिंदू वेशभूषा धोती-कुर्ता में पीएम मोदी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पारंपरिक हिंदू वेशभूषा धोती-कुर्ता में हैं। हिंदू धर्म में पूजा के समय धोती-कुर्ता का विशेष महत्व है। श्रीराम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी ने इसे विशेष रूप से धारण किया है।

रामलला का भी बेहद मनमोहक शृंगार : अयोध्या में आज भव्य राम मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन से पहले रामलला का भी बेहद मनमोहक शृंगार किया गया। राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फावड़े और कन्नी का इस्तेमाल किया।

हनुमानगढ़ी को किया गया सैनिटाइज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की जोरदार तैयारियों के बीच यहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के भी उपाय किए गए। हनुमान गढ़ी मंदिर में सैनिटाइजेशन किया गया।अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज में हेलिकॉप्टर से लैंड करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले मोदी पहले हनुमानगढ़ी पहुंचे। इसके बाद राम जन्मभूमि परिसर में भूमि व शिला पूजन करने के बाद कर्मा शिला का पूजन किया। 

लगाई गई हैं बड़ी एलईडी स्कीन : अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन निर्माण के लिए वहां मौजूद मेहमानों और सभी लोगों के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई, जिनके जरिए इस भूमि पूजन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण लोगों ने देखा। इसी के साथ राम कोट भूमिपूजन स्थल पर बड़े पैमाने पर वेदर प्रूफ टेंट लगे हुए हैं। 

अयोध्या में मौसम हुआ सुहावना : अयोध्या में एतिहासिक पल का गवाह बनने के खातिर मौसम भी काफी सुहावना हो गया। सुबह से तेज हवाओं के साथ बारिश के बाद मौसम काफी अच्छा हो गया। मौसम से निपटने के भी यहां पर काफी तगड़े प्रबंध हैं। भादों माह को देखते हुए भी यहां पर वेदर प्रूफ टेंट लगाने की तैयारी काफी पहले से की गई थी। 

भूमि पूजन में पीएम मोदी के काशी विद्वत परिषद के तीन सदस्य : रामनगरी अयोध्या में आज होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में देश भर के धर्माचार्यों के साथ कर्मकांड विद्वान बुलाए गए। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काशी विद्वत परिषद के तीन सदस्य पूजा में बैठे। प्रो.रामचन्द्र पाण्डेय यहां पीएम मोदी के साथ बतौर साक्षी पूजा में बैठे। इस दौरान 12 बजकर 40 मिनट 08 सेकेंड पर मंदिर की आधारशिला रखी गई। पीएम मोदी के साथ पूजन के मंच पर अध्यक्ष राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महंत नृत्यगोपालदास, राज्यपाल उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश आनंदी बेन पटेल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा आरएसएस प्रमुख  मोहन भागवत रहे।

इस आयोजन के इतर अयोध्या तो न्यारी ही छटा में है। सड़कों के किनारे पीले रंगे मकान शुभ कार्य का संदेश दे रहे हैं। कोई घर ऐसा नहीं, जिस पर भगवा पताका न लहरा रही हो। सड़कों पर सज रही रंगोली, कतारबद्ध किए जा रहे दीपक कल्पना को उसी समय में धकेल रहे हैं कि जब चौदह वर्ष का वनवास समाप्त कर प्रभु श्रीराम अपनी अयोध्या लौटे होंगे। दीपावली के उसी उल्लास में इस पावनधरा का कण-कण डूबा है। झूले-ठेले न सही, लेकिन पावन सरयू के तट पर आस्था का मेला सजा है। वेग से बह रही सरयू भी जैसे व्याकुलता में उफन रही है। राम की पैड़ी पर दीपोत्सव अयोध्या को अलौकिक अवतार में ढाल रहा है। 

यह भी देखें: जानें अयोध्या और दक्षिण कोरिया के बीच क्या है कनेक्शन


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