Coronavirus : जानें, नेपाली नागरिकों ने पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय अधिकारियों के लिए क्यों बजाई ताली
Coronavirus के कारण हुए लॉकडाउन में भारत-नेपाल सीमा पर फंसे नेपाली लोग पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय अधिकारियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। Coronavirus के कारण हुए लॉकडाउन में भारत-नेपाल सीमा पर फंसे नेपाली लोग पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय अधिकारियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं। भारत-नेपाल सीमा सील होने के कारण नेपाल ने अपने नागरिकों को नेपाल में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने इनके रहने व भोजन की व्यवस्था की।
व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे थे अधिकारी
महराजगंज के नौतनवा इंटर कालेज में एसडीएम, सीओ व पुलिस प्रशासन नेपाली नागरिकों के रहने-खाने की व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे थे। नेपाली नागरिकों को फिजिकल डिस्टेंसिंग कतार बना कर खड़ा किया गया। उच्चाधिकारियों ने वायरस संक्रमण से बचाव के उपाय बताए और कुशल क्षेम पूछा, जिससे नेपाली नागरिकों ने पीएम मोदी व अधिकारियों का जोरदार तालियां बजाकर अभिनंदन किया। नेपाली नागरिकों ने कहा कि लॉकडाउन होने के बावजूद हमें अपने वतन नेपाल लौटने पर खुशी थी, लेकिन चार दिन से भारत-नेपाल सीमा के सोनौली कस्बे में ठहरे हुए हैं। हम लोगों को बार्डर पार नहीं करने दिया गया। जहां सोनौली के लोगों ने भोजन व पानी उपलब्ध कराया और रहने खाने के लिए भारतीय अधिकारियों ने व्यवस्था की है, जो काबिले तारीफ है। भारत-नेपाल सीमा से 15 किलोमीटर दूर नेपाल के मंगलापुर निवासी मनोज अपनी पत्नी लक्ष्मी, तीन-चार साल के दो बच्चे व एक 15 दिन का नवजात शिशु के साथ नौतनवा इंटर कालेज में ठहरे हैं। उनको भी अपने देश नेपाल में प्रवेश नहीं मिला। परिवार की महिला को जरूरी सामान दिया गया। सीओ राजू कुमार साव ने कहा है कि उस परिवार के लिए अलग व्यवस्था की गई है।
यह है मामला
भारत-नेपाल सीमा सील होने के बाद सोमवार की देर रात अपने वतन जाने के लिए भारत-नेपाल सीमा पर सैकड़ों की संख्या में नेपाली मूल के लोग एकत्र हो गए थे। तनाव बढ़ने पर नेपाली प्रहरी दल (नेपाली पुलिस) ने लाठीचार्ज कर दिया था। इसके बाद नेपाली नागरिक नो मेंस लैंड पर धरने पर बैठ गए थे। भारतीय व नेपाली अधिकारियों के समझाने पर भी नेपाली नागरिक नहीं माने और 24 घंटे तक नो मेंस लैंड पर धरने पर बैठे रहे। इसके बाद अधिकारियों ने इन लोगों को विभिन्न जगहों पर ठहरा कर उनके रहने और खाने की व्यवस्था की। लॉकडाउन के बाद इन्हें अपने देश भेजा जाएगा। सीमा के उस पार नेपाल ने भी भारतीय अधिकारियों के लिए इसी तरह की व्यवस्था की है।