कृषि भवन में मीटिंग से वॉकआउट करने वाले कृषि संघ के प्रमुखों ने फाड़ीं कॉपियां
पिछले माह संसद के मानसून सत्र में तीन नए कृषि कानून बने। विपक्ष के विरोध के बीच ये विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित कराए गए थे और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का रूप ले लिया।
नई दिल्ली, एएनआइ। नए कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए कृषि सचिव के साथ मंगलवार को मीटिंग आयोजित की गई। लेकिन मीटिंग के बीच से वॉक आउट करने वाले 29 कृषक संघ (farmer unions) के प्रमुखों ने कृषि भवन के बाहर कॉपियां फाड़ दी। पिछले माह संसद के मानसून सत्र में तीन नए कृषि कानून बने विपक्ष के विरोध के बीच ये विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित कराए गए थे और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का रूप ले लिया।
कृषि सचिव के साथ बात करने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि हम चर्चा से संतुष्ट नहीं थे इसलिए हम बाहर चले गए, हम चाहते हैं कि इस काले कानूनों को खत्म कर दिया जाए। एक किसान यूनियन लीडर का कहना है कि सचिव ने कहा कि वह हमारी मांगों को आगे बढ़ाएंगे। साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि हम बाहर चले गए, क्योंकि कोई मंत्री बैठक के लिए नहीं आया था। हम चाहते हैं कि इन कानूनों को वापस ले लिया जाए।
कृषि कानून के विरोध में पूरे देश के किसानों का विरोध जारी है। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार इन कृषि कानूनों को वापस ले क्योंकि इससे किसानों को काफी नुकसान होगा। उनका कहना है कि ये कानून केवल उद्योगपतियों को फायदा देंगे इससे किसानों को कोई लाभ नहीं होगा।
केंद्र और किसान यूनियन के बीच की बातचीत बेनतीजा रही। कृषि भवन से किसान संगठन के प्रतिनिधि बाहर आए। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के लोगों ने उन्हें सिर्फ बिल को समझाने की कोशिश की, लेकिन ये नहीं बताया कि विवादित विषयों को कानून से हटाया जाएगा या नहीं। कृषि मंत्रालय की ओर से संजय अग्रवाल ने इस बैठक में हिस्सा लिया। पंजाब से जो लोग किसान यूनियन की ओर से शामिल हुए, उनमें बलवीर सिंह राजेवाल, जगरूप सिंह, कुलवंत सिंह, दर्शन पाल, जगजीत सिंह, सतनाम सिंह, सुरजीत सिंह फूल शामिल हैं।