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रविशंकर प्रसाद ने राहुल को कैंब्रिज एनालिटिका मामले की दिलाई याद, फेसबुक पर भड़के थरूर

राहुल गांधी उन आरोपों पर कि भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप पर भाजपा और आरएसएस का नियंत्रण है। रविशंकर प्रसाद ने इस पर करारा जवाब दिया है। आप भी पढ़ें...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 06:36 PM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 04:06 AM (IST)
रविशंकर प्रसाद ने राहुल को कैंब्रिज एनालिटिका मामले की दिलाई याद, फेसबुक पर भड़के थरूर
रविशंकर प्रसाद ने राहुल को कैंब्रिज एनालिटिका मामले की दिलाई याद, फेसबुक पर भड़के थरूर

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले कुछ महीनों से सरकार पर हमलावर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अब फेसबुक के सहारे निशाना साधा है। अमेरिकी मीडिया में फेसबुक को लेकर छपे एक लेख के सहारे केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। वाल स्ट्रीट जर्नल में छपे आर्टिकल को ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और वाट्सएप पर नियंत्रण करते हैं। राहुल के आरोपों पर भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने करारा जवाब दिया है। उधर राहुल के साथ खड़े होते हुए शशि थरूर ने फेसबुक को चेतावनी दी है। 

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कैंब्रिज एनालिटिका मामले की याद दिलाई 

भाजपा की ओर से मोर्चा संभालते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हारे हुए जो लोग खुद अपनी पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं वे शिकायत करते रहते हैं कि पूरा विश्व भाजपा और आरएसएस ने नियंत्रित कर रखा है।' प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) यहीं नहीं रुके उन्‍होंने आगे कहा कि चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाने के लिए आपको कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था और अब आप हम पर आरोप लगा रहे हैं। 

रविशंकर का सवाल, बेंगलुरू दंगे पर क्‍यों है चुप्‍पी 

रविशंकर प्रसाद ने एक अन्‍य पोस्‍ट में कहा है कि सच तो यह है कि आज सूचनाओं तक पहुंच और अभिव्यक्ति की आजादी का लोकतांत्रिकरण कर हुआ है। अब यह आपके परिवार (राहुल गांधी) के सेवकों द्वारा नियंत्रित नहीं होता है। यही कारण है कि आपको दर्द होता है। रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने यह भी कहा है कि अभी तक बेंगलुरू दंगे को लेकर आपकी निंदा नहीं सामने आई है। इस बारे में आपका साहस कहां गायब हो गया..?

वाल स्ट्रीट जर्नल के आर्टिकल पर बवाल 

वहीं भाजपा की ओर से राहुल के आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि सच्चाई यह है कि ठीक चुनाव से पहले भाजपा के समर्थकों के सैकड़ों पेजों को फेसबुक ने बंद कर दिया था। दरअसल वाल स्ट्रीट जर्नल के आर्टिकल में फेसबुक पर आरोप लगाया गया है कि वह भारत में सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं के प्रति उदार है और उनकी हेट स्पीच को दंडित नहीं किया जाता है। 

...और राहुल ने लपक ली रिपोर्ट 

जाहिर है कि सोशल मीडिया के जरिए ही हर रोज सरकार पर निशाना साधने वाले राहुल ने तत्काल इसे लपक लिया और इसे एक सुबूत के रूप में पेश करने की कोशिश की। राहुल गांधी ने अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप को कंट्रोल करते हैं। ये इन प्‍लेटफार्मों के माध्यम से फर्जी खबरें और नफरत फैलाते हैं। राहुल ने यह आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस इन प्‍लेटफार्मों का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए करते हैं। आखिरकार, अमेरिकी मीडिया में सच्चाई सामने आ गई है।

थरूर ने फेसबुक को चेताया 

कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी राहुल के साथ खड़े हुए और सूचना प्रौद्योगिकी संसदीय समिति के अध्यक्ष के तौर पर चेतावनी भी दे दी। उन्होंने कहा कि समिति फेसबुक को बुलाकर इस रिपोर्ट पर स्थिति जानना चाहेगी। उन्होंने यह याद भी दिलाया कि फेसबुक को पहले भी संसदीय समिति बुला चुकी है। ऐसे में यह मानकर चलना चाहिए कि कांग्रेस अमेरिकी जर्नल को हथियार बनाकर लंबी लड़ाई छेड़ने के मूड में है।

हेट स्पीच के दायरे में सोनिया भी

सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने विस्तृत आंकड़ों के साथ राहुल के आरोपों को नकारा। उन्होंने कहा, 2019 चुनाव से पहले फेसबुक ने भाजपा समर्थकों के लगभग 700 पेज डिलीट किए थे जबकि हर पेज के लाखों फालोवर्स थे। भाजपा सूत्रों के अनुसार इनमें वी सपोर्ट इंडिया, मेरा भारत महान, हिंदुस्तानी सेना, यूथ फार नमो, कहो दिल से तथा नरेंद्र मोदी फिर से-जैसे कई पेज थे। मालवीय ने हेट स्पीच के दायरे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी खड़ा किया और कहा कि 'उनका विभेदकारी भाषण फेसबुक पर लाइव चला था और उसके बाद दिल्ली में दंगे भी हुए और कई की जानें भी गईं। सोनिया गांधी भी बराबर की जिम्मेदार हैं।'  

लोकतंत्र के लिए यह परीक्षा की घड़ी : सोनिया गांधी 

कल शनिवार को 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सरकार पर जोरदार हमला बोला था। उन्‍होंने कहा था कि आज ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संविधान मूल्यों एवं स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है। कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र के लिए यह परीक्षा की घड़ी है। सोनिया गांधी ने लद्दाख में चीनी घुसपैठ का आरोप लगाते हुए इस पर चिंता जाहिर की। उन्‍होंने कहा कि मैं सरकार से आग्रह कर रही हूं कि वह इन वीर जवानों की शहादत को उचित सम्मान दे। पढ़ें पूरा बयान-सोनिया ने कहा, संवैधानिक मूल्यों के विपरीत खड़ी है सरकार


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