भीड़ की हिंसा पर अंकुश के लिए सरकार कर सकती है आइपीसी में बदलाव
आइपीसी में बदलाव के बाद सरकार को इस मामले में नया कानून नहीं बनाना होगा। अगर मॉडल लॉ बनाया जाता है तो राज्य उसके जरिये भीड़ की हिंसा पर असरदार तरीके से कार्रवाई कर सकेंगे।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। भीड़ की हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए सरकार आइपीसी में बदलाव कर सकती है। मामले पर गंभीरता से विचार हो रहा है। इससे जुड़े लोगों का कहना है कि अभी सारी चीजें शुरुआती चरण में हैं और जल्द ये सामने आएंगी। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए सरकार नया कानून बनाए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा था कि इस तरह की वारदातों में जो भी लोग शिकार बने वो वाकई चिंतनीय है और ये सारे मामले रोंगटे खड़े करने वाले हैं। कोर्ट ने सरकार से इस मामले में संजीदगी से कदम उठाने को कहा था।
आइपीसी में बदलाव से नहीं बनाना होगा नया कानून
सूत्रों का कहना है कि आइपीसी में बदलाव के बाद सरकार को इस मामले में नया कानून नहीं बनाना होगा। अगर मॉडल लॉ बनाया जाता है तो राज्य उसके जरिये भीड़ की हिंसा पर असरदार तरीके से कार्रवाई कर सकेंगे। एक अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के सारे फैसले को ध्यान में रखकर कार्यवाही हो रही है। सरकार को निर्णय करने में अभी कई दिनों का समय लगेगा, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़ा है। जो भी कानून बनेगा या फिर आइपीसी में संशोधन होगा उसकी सुप्रीम कोर्ट अपने तरीके से व्याख्या करेगा। सरकार नहीं चाहती कि कोई सवाल खड़ा हो?
संसद में भी उठा था मसला
भीड़ की हिंसा पर संसद में भी शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान चर्चा हुई थी। विपक्ष इसकी भर्त्सना करके संजीदा कदम उठाने की मांग कर रहा था, वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 1984 के दंगों को इस तरह का सबसे बड़ा मामला बताकर कांग्रेस पर शिकंजा कसने की कोशिश की थी। हालांकि इस तरह की वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। हालिया घटना राजस्थान की है, जहां गो तस्करी के नाम पर एक व्यक्ति की भीड़ ने हत्या कर दी। इससे पहले बच्चा चुराने के नाम पर महाराष्ट्र के धुले में कई लोगों को भीड़ ने शिकार बनाया था।