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जानिए, भारत क्‍यों नेपाल और भूटान बॉर्डर पर लगा लेजर बाड़

1,751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल और 699 किलोमीटर लंबी भारत-भूटान सीमाओं पर एक-एक स्थान पर लेजर बाड़ लगाई जाएगी।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 21 Dec 2017 09:55 AM (IST)Updated: Thu, 21 Dec 2017 12:23 PM (IST)
जानिए, भारत क्‍यों नेपाल और भूटान बॉर्डर पर लगा लेजर बाड़
जानिए, भारत क्‍यों नेपाल और भूटान बॉर्डर पर लगा लेजर बाड़

नई दिल्ली, पीटीआइ। आतंकियों और तस्करों की घुसपैठ रोकने के लिए नेपाल और भूटान से लगती भारत की सीमाओं पर विशेष स्थानों में लेजर की बाड़ लगाई जाएगी।

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बुधवार को 54वें स्थापना दिवस पर सशस्त्र सेना बल (एसएसबी) के महानिरीक्षक (ऑपरेशंस) एके सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 1,751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल और 699 किलोमीटर लंबी भारत-भूटान सीमाओं पर एक-एक स्थान पर लेजर बाड़ लगाई जाएगी। ये लेजर बाड़ दुर्गम भौगोलिक स्थिति वाले क्षेत्रों में लगाई जाएगी, क्योंकि इन इलाकों में आमतौर पर रिहाइश नहीं होती है और तस्करी व अन्य आतंकी गतिविधियों की आशंका अधिक रहती है।

एके सिंह ने कहा, 'हम दो स्थानों पर प्रायोगिक आधार पर यह परियोजना (लेजर बाड़) शुरू कर रहे हैं। हम यह देखना चाहते हैं कि खुली सीमाओं पर इससे कोई फर्क पड़ता है या नहीं। इसका उद्देश्य ऐसे क्षेत्रों को सुरक्षित बनाना है, जहां रिहाइश नहीं है और उस इलाके का इस्तेमाल आतंकियों और अपराधियों द्वारा किया जाता है। हालांकि अभी यह योजना बिल्कुल शुरुआती चरण में है।'

इस अवसर पर बल के महानिदेशक (डीजी) रजनीकांत मिश्रा ने कहा कि क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति के कारण कभी-कभी सीमा की रखवाली करना संभव नहीं होता, इसलिए ऐसे इलाकों में तकनीक हमारी मदद करती है।

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