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VIDEO: कुत्तों के भौंकने से खुल जा रही लालू प्रसाद की नींद, मांग रहे हैं ये सुविधा

कार्डियोलॉजी विंग में इलाजरत लालू की शिकायत है कि वह रात में सो नहीं पाते। वह पेइंग वार्ड में जाने की मांग कर रहे हैं।

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 09:01 AM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 04:46 PM (IST)
VIDEO: कुत्तों के भौंकने से खुल जा रही लालू प्रसाद की नींद, मांग रहे हैं ये सुविधा
VIDEO: कुत्तों के भौंकने से खुल जा रही लालू प्रसाद की नींद, मांग रहे हैं ये सुविधा

रांची (जागरण संवाददाता)। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अब पेइंग वार्ड में जाने की मांग कर रहे हैं। कार्डियोलॉजी विंग में इलाजरत लालू की शिकायत है कि वह रात में सो नहीं पाते। लालू के करीबी भोला यादव ने कहा कि रात भर रिम्स परिसर और आसपास कुत्तों के भौंकने से उनकी नींद खुल जा रही है।उनके कमरे के बाथरूम की स्थिति भी खराब है, जहां से बदबू आती है।

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इन कारणों और तकलीफों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर लालू प्रसाद को नया पेइंग वार्ड मिल जाए तो उन्हें सुविधा होगी। पेइंग वार्ड के लिए जो राशि लगेगी, उसे दिया जाएगा। वहीं, लालू के खून में संक्रमण बढ़ने के बाद डॉक्टरों की टीम सोमवार को उनके रिपोर्ट की जांच करेगी। कुछ और रिपोर्ट आने हैं, जिनका इंतजार टीम को है। लालू खून में संक्रमण, डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं। डॉक्टर उनके डायबिटीज को नियंत्रित करने में लगे हैं। इसे लेकर इंसुलिन भी बदला गया है। वहीं, रविवार को लालू का ईसीजी सामान्य पाया गया।

बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने रांची की सीबीआइ की विशेष कोर्ट में गुरुवार को आत्मसमर्पण किया था। चारा घोटाला के चाईबासा मामले में सीबीआइ जज एसएस प्रसाद के यहां व देवघर व दुमका मामले में उन्होंने एमपी मिश्रा की अदालत में आत्मसमर्पण किया। इसके बाद सीबीआइ जज एसएस प्रसाद की अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा कारागार भेजने का निर्देश दिया। अदालत ने जेल प्रशासन को हाई कोर्ट के आदेश के तहत आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिसके बाद जेल प्रशासन ने उन्हें राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) भेज दिया।

यहां जेल की अभिरक्षा में उनका इलाज चल रहा है। हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद को इलाज के लिए औपबंधिक जमानत दी थी। लेकिन 24 अगस्त को हाई कोर्ट ने उनकी जमानत की अवधि बढ़ाने के आग्रह को नामंजूर कर दिया था और 30 अगस्त तक उन्हें कोर्ट में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। इसी आदेश के चलते लालू ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। 


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