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बौद्ध धर्म से जुड़े देशों के साथ रिश्तों को नया आयाम देगा कुशीनगर, जानें कैसे भारत की कूटनीति को मिलेगी धार

कुशीनगर एयरपोर्ट भारत के कूटनीतिक में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला साबित हो सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश स्थित इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में नई दिल्ली से 12 देशों के राजनयिकों ने हिस्सा लिया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 08:22 PM (IST)
बौद्ध धर्म से जुड़े देशों के साथ रिश्तों को नया आयाम देगा कुशीनगर, जानें कैसे भारत की कूटनीति को मिलेगी धार
कुशीनगर एयरपोर्ट भारत के कूटनीतिक में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला साबित हो सकता है।

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कुशीनगर एयरपोर्ट भारत के कूटनीतिक में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला साबित हो सकता है। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश स्थित इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन किया और इस समारोह में नई दिल्ली से 12 देशों के राजनयिकों ने हिस्सा लिया। इसमें जापान, मंगोलिया, म्यांमार, वियतनाम, कंबोडिया, थाइलैंड, लाओपीडीआर (लाओस), श्रीलंका, भूटान, रिपब्लिक आफ कोरिया, नेपाल और सिंगापुर के राजनयिक शामिल थे।

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इन सभी देशों के राजनयिकों ने कहा है कि कुशीनगर एयरपोर्ट से जुड़ने के बाद उनके देश के साथ भारत का सांस्कृतिक जोर और मजबूत होगा क्योंकि अब उनके देश से लाखों बौद्ध अनुयायी सीधे भारत के प्रमुख बौद्ध केंद्रों की यात्रा कर सकेंगे। इस लिहाज से यह एयरपोर्ट भारत में विदेशी पर्यटन के लिए भी वरदान साबित हो सकता है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कुशीनगर एयरपोर्ट के साथ बौद्ध धर्म मानने वाले देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या नहीं बढ़ेगी बल्कि इसका दूरगामी असर होगा। बौद्ध धर्म के अनुयायी बहुल अमूमन सभी देश हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थित हैं और यह समूचा क्षेत्र भारत के रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण हो गए हैं।

मौजूदा समय में वैश्विक वाद-विवाद का यह केंद्र भी बना हुआ है। यह एक वजह है कि भारत सरकार इन देशों के साथ कूटनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक संबंधों को खास तौर पर तवज्जो देती है। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के उद्घाटन में श्रीलंका के एक वरिष्ठ दल का आना दोनों देशों के रिश्तों में सांस्कृतिक जुड़ाव को बताता है।

इस दल मे श्रीलंका के पीएम मिहंदा राजपक्षे के पुत्र व युवा और खेल मंत्री नमल राजपक्षे की अगुवाई में चार राज्य मंत्री और 100 वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं ने हिस्सा लिया है। यह पहली बार है कि श्रीलंका के विभिन्न 22 जिलों के बौद्ध मंदिरों के प्रतिनिधि एक साथ भारत के दौरे पर आये हैं।

कुशीनगर गये श्रीलंका के मंत्री नमल राजपक्षे ने अपने देश के सभी बौद्ध धर्मावलंबियों की तरफ से इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने इसे भारत की तरफ से बौद्धों को दिया गया सबसे बड़ा उपहार करार दिया है और कहा है कि इससे दोनों देशों के रिश्तों में और प्रगाढ़ता आएगी।

भारत में वियतनाम के राजदूत फाम सान छऊ ने कहा है कि उनके देश से भारत आने वाले पर्यटकों में बौद्ध धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। कुशीनगर एयरपोर्ट बनने के बाद वियतनाम से दूरी भी कम हो जाएगी जिससे आने जाने में समय कम लगेगा।

पहली बार कुशीनगर की यात्रा पर गये कंबोडिया के राजदूत उंग सीन ने कहा है कि उनके देश के लोग इस एयरपोर्ट के बनने का इंतजार कर रहे थे। लाओस के राजदूत बौनीमी चौंघम ने उम्मीद जताई कि उनके देश से ज्यादा तीर्थयात्री भारत आएंगे। जापान, नेपाल व दक्षिण कोरिया के राजदूतों ने भी उम्मीद जताई है कि भारत के साथ सांस्कृतिक रिश्तों में नई ऊंचाई आएगी। 


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